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Thursday, April 25, 2024

हम चुनाव आयोग का हर फैसला मानेंगे,भाजपा ने कहा वर्चुअल रैलियों के लिए हैं तैयार

देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में बढ़ोतरी ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर असमंजस पैदा कर दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश के पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों की रैलियां हो रही हैं। चुनाव टालने की इलाहाबाद हाईकोर्ट की अपील के बाद चुनाव आयोग का मंथन जारी है। इस बीच ओमिक्रॉन को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना नजरिया सामने रखा है।

शेखावत बोले, हम मानेंगे चुनाव आयोग का निर्देश
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि चुनाव आयोग चुनाव रैलियों पर जो हमें दिशानिर्देश देगी उसका हम पालन करेंगे। भाजपा वर्चुअल चुनावी रैलियों के लिए तैयार है।

समाचार एजेंसी  के मुताबिक शेखावत ने कहा कि चुनाव आयोग हेल्थ सेक्रेटरी और विशेषज्ञों के साथ बात कर रहा है। चुनाव कैसे, कब और किन नीतियों के साथ होगा और क्या पांबदियां होंगी, ये फैसला करना चुनाव आयोग का काम है। आयोग का फैसला सभी पार्टियों के लिए मान्य होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान जब दुनिया की सभी राजनीतिक पार्टियां हाइबरनेशन में थी उस समय भी भाजपा के कार्यकर्ता और पार्टी के सभी लोग वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे थे।

यूपी में कोरोना नियमों का उड़ीं धज्जियां
उत्तर प्रदेश में नेताओं की रैलियों का दौर भी शुरू हो चुका है। इन रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है। कांग्रेस हो, भाजपा हो या फिर समाजवादी पार्टी, सभी दलों की रैलियों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने जैसी शर्तों का पालन भी नहीं कर रहे हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 30 प्रतिशत से भी कम आबादी को ही दोनों टीके लगे हैं। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान यूपी सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक था। गंगा के रेत के किनारे दफन और नदी में तैरते शवों की तस्वीरें खूब सुर्खियां बटोर चुकी है।

हाई कोर्ट ने की थी चुनाव टालने की अपील
पिछले हफ्ते इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को एक या दो महीने के लिए स्थगित करने और दूसरी लहर का हवाला देते हुए चुनाव से संबंधित सभाओं पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था। जज ने कहा, यूपी ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव ने बहुत से लोगों को संक्रमित किया है, जिससे कई मौतें भी हुई हैं। अगर रैलियों को नहीं रोका गया, तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर होंगे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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