- यूपी में सियासी लड़ाई ‘मोहरे’ पर आई!
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है। इस बीच सियासी पारा हाई है। इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट में बड़ा दावा किया कि उपचुनाव वाले जिलों में यादव और मुस्लिम अधिकारियों को हटाया जाएगा। इस पर अखिलेश यादव ने तंज कस दिया। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि जब उपचुनावों में भी भाजपा को हराने के लिए जनता फ़ील्ड में उतर चुकी है तो भाजपा कुछ अधिकारियों को हटाने का कितना भी शासकीय-प्रशासकीय नाटक कर ले, कोई उनको पराजय से रोक नहीं सकता। देखना ये भी है कि इनकी जगह जो अफ़सर आएंगे, उनकी निष्पक्षता पर मोहर कौन लगाएगा।
सपा अध्यक्ष ने आगे लिखा कि बीजेपी उपचुनावों में अपनी 10/10 की हार के अपमान से बचने के बहाने ना ढूंढे। अगर बीजेपी जन-विरोधी नहीं होती तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। महंगाई, बेरोजगारी, पुलिस भर्ती, नीट परीक्षा, महिला-सुरक्षा, संविधान और आरक्षण की रक्षा, नज़ूल भूमि जैसे मुद्दों से लड़ने के लिए बीजेपी कब और किसे नियुक्त करेगी? सपा प्रमुख ने कहा, कुछ विशेष अधिकारियों को चुनावी ज़िम्मेदारी से हटाने की बात कहकर, भाजपाइयों ने ये बात स्वीकार कर ली है कि उनकी सरकार में शायद कुछ चुनावी घपले अधिकारियों के स्तर पर होते हैं। ये बीजेपी की अपनी सरकार के साथ-ही-साथ चुनाव आयोग के ऊपर भी चुनाव आयोग स्वत: संज्ञान ले।
जबकि बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव मिथ्या प्रलाप कर रहे हैं। अधिकारियों, अपराधियों, माफियाओं की जाति और धर्म देखना सपा और बसपा की नीति और रीति रही है। बीजेपी और हमारी सरकार ये काम नहीं करती है। हमारी सरकार मेरिट और योग्यता देखती है। जहां तक अधिकारियों को स्थानांतरण की बात है तो वह रूटीन का काम है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार अपनी आवश्यकता अनुसार तबादले करती है। अखिलेश यादव व्यर्थ के आरोप लगा रहे हैं। बेहतर हो कि वह कार्यकर्ताओं के बीच जाएं और लोगों से संवाद करें। बीजेपी उपचुनावों के लिए अपनी तैयारी कर रही है। सीएम और दोनों डिप्टी सीएम समेत पूरी कैबिनेट जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर सभी 10 सीटों पर एनडीए की जीत सुनिश्चित करने में जुटी हैं।