नई दिल्ली, 11 जून 2025, बुधवार: देश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है, और इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सतर्कता का डंका बजा दिया है। खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर सरकार कोई जोखिम मोल लेने के मूड में नहीं है। अब चाहे रैली हो, मीटिंग हो, या कोई सार्वजनिक समारोह, जो भी पीएम मोदी के करीब होगा, उसे पहले RT-PCR टेस्ट की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। मंच पर उनके साथ खड़े होने की इच्छा रखने वालों को भी कोविड नेगेटिव सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
उम्र को लेकर सावधानी, पीएम की सेहत पहली प्राथमिकता
प्रधानमंत्री की उम्र को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। सीनियर सिटीजन की श्रेणी में आने वाले पीएम मोदी की इम्यूनिटी को लेकर सरकार कोई खतरा नहीं उठाना चाहती। कोविड का बढ़ता खतरा, खासकर बुजुर्गों के लिए, सरकार की इस सख्ती की सबसे बड़ी वजह है।
कोविड का कहर: केरल से लेकर दिल्ली तक हड़कंप
देश में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और आंकड़े डराने वाले हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में 7,000 से ज्यादा नए मामले सामने आ चुके हैं। केरल इस बार फिर कोविड का गढ़ बनकर उभरा है, जहां 2,223 नए मामले दर्ज किए गए। इसके बाद गुजरात (1,223), दिल्ली (757), पश्चिम बंगाल (747) और उत्तर प्रदेश (229) में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों में डर का माहौल है, और साल 2020 की भयावह यादें फिर ताजा हो रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर, सरकार ने कसी कमर
केंद्र सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि समय पर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों को बेड की संख्या बढ़ाने और जरूरी दवाओं का स्टॉक तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का साफ कहना है कि अगर मामले इसी तरह बढ़े, तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
2020 की तबाही को दोहराने की इजाजत नहीं
साल 2020 में कोविड ने पूरे देश में कोहराम मचाया था, और सरकार किसी भी कीमत पर उस इतिहास को दोहराना नहीं चाहती। खासकर बड़े नेताओं और वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े आयोजनों में सावधानी बरतने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पीएम मोदी की सुरक्षा से लेकर आम जनता की सेहत तक, सरकार हर मोर्चे पर चौकन्ना है।
संदेश साफ है: सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!
कोविड के इस नए उभार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वायरस से जंग अभी खत्म नहीं हुई है। सरकार की इस सख्ती का मकसद न सिर्फ पीएम की सुरक्षा है, बल्कि देश को एक बड़े खतरे से बचाना भी है।