नई दिल्ली, 5 मई 2025, सोमवार। वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई ने एक नया मोड़ ले लिया है। इस महत्वपूर्ण मामले को अब अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच सुनेगी। यह फैसला मौजूदा CJI जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने लिया, जिन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई भी अंतरिम आदेश या अंतिम फैसला अभी सुरक्षित नहीं रखा जाएगा।
CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दाखिल किए गए जवाब और याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रस्तुत प्रतिक्रियाओं को पूरी तरह से पढ़ना अभी बाकी है। इन जवाबों में कुछ ऐसे सवाल उठाए गए हैं, जिन पर गहन विचार और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। इसलिए, इस स्तर पर कोई जल्दबाजी में आदेश पारित करना उचित नहीं होगा। उन्होंने मामले को जस्टिस बी आर गवई की बेंच को सौंपते हुए सुनवाई को अगले चरण के लिए तैयार किया।
इस दौरान, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI की बेंच से ही सुनवाई की इच्छा जताई। हालांकि, दोनों पक्षों ने कोर्ट के इस फैसले का समर्थन करते हुए इसे उचित बताया।
वक्फ संशोधन कानून को लेकर चल रही यह कानूनी जंग देश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस कानून से जुड़े कई पहलुओं पर सवाल उठ रहे हैं, और सभी की निगाहें अब जस्टिस बी आर गवई की बेंच पर टिकी हैं, जो इस मामले में अगला कदम तय करेगी। यह सुनवाई न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर देश की नजर रहेगी, क्योंकि यह न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को प्रभावित करेगा, बल्कि संवैधानिक और सामुदायिक हितों के बीच संतुलन को भी परखेगा।