लोकसभा में गुरुवार को एक प्रश्न के लिखित जवाब में वीके सिंह ने बताया कि एयर इंडिया ने मुद्रीकरण के लिए संपत्तियों के 111 पार्सल की पहचान की है। इनमें से 106 पार्सल संपत्ति भारत में हैं और बाकी पांच विदेशी संपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि संपत्तियों के 11 पार्सलों में 211 इकाइयां हैं, जो मुद्रीकरण के अधीन हैं।
वीके सिंह ने कहा, एयर इंडिया को साल 2015 से 12 जुलाई 2021 तक 115 संपत्तियों की बिक्री से अब तक 738 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा एयर इंडिया को लीज रेंटल आय से भी सालाना करीब 100 करोड़ रुपये मिलते हैं। उल्लेखनीय है केंद्र सरकार फिलहाल एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया में है।
बता दें कि एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआईएसएएम) के 2018 के फैसले के अनुसार विनिवेश के लिए बाध्य एयर इंडिया अपने कर्ज की भरपाई करने के लिए अपनी अचल संपत्तियों का मुद्रीकरण कर रही है। इसके अनुसार मार्च 2019 तक कंपनी पर करीब 60,000 करोड़ का कर्ज था।
संयुक्त उपक्रम और पीपीपी एयरपोर्ट से एयरपोर्ट प्राधिकरण ने कमाए 30069 करोड़
इसके साथ ही वीके सिंह ने बताया कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) ने 2020-21 तक अपने संयुक्त उपक्रम के एयरपोर्ट और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) एयरपोर्ट के जरिए 30,069 करोड़ रुपये कमाए हैं। इन एयरपोर्ट का संचालन निजी कंपनियां करती हैं। इस समय एएआई के कई प्रमुख एयरपोर्ट (दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू, हैदराबाद और नागपुर) का संचालन निजी कंपनियां कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत सरकार ने हैदराबाग इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और बंगलूरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड से रियायत शुल्क के रूप में करीह 856 करोड़ रुपये कमाए हैं।
एक सवाल के लिखित जवाब में राज्य नागरिक उड्डयन मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी कि एएआई ने वित्त वर्ष 2020-21 तक अपने संयुक्त उपक्रम और पीपीपी एयरपोर्ट के माध्यम से करीब 30,069 करोड़ रुपये की कमाई की है। उल्लेखनीय है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के पास इस समय देशभर में 100 से अधिक एयरपोर्ट हैं।