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Tuesday, June 24, 2025

विशाखापत्तनम: सिंहाचलम मंदिर में दीवार ढहने से आठ श्रद्धालुओं की मौत, हादसे ने मचाया कोहराम

विशाखापत्तनम, 30 अप्रैल 2025, बुधवार। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बुधवार (30 अप्रैल, 2025) की सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने सिम्हाचलम स्थित श्री वराहलक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के चंदनोत्सव के उत्साह को मातम में बदल दिया। मंदिर परिसर में हाल ही में बनी एक 20 फीट लंबी दीवार भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण ढह गई, जिसके मलबे में दबकर आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी।

चंदनोत्सव का उल्लास और अचानक आई त्रासदी

सिम्हाचलम मंदिर, जो भगवान नरसिम्हा को समर्पित है, हर साल चंदनोत्सव के दौरान हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस विशेष उत्सव में भगवान के चंदन लेप को हटाकर उनके ‘निज रूप’ के दर्शन कराए जाते हैं, जो हिंदू परंपरा में अत्यंत दुर्लभ और पवित्र माना जाता है। मंगलवार रात से शुरू हुए इस उत्सव के लिए मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। मंदिर प्रशासन के अनुसार, 300 रुपये के टिकट वाली कतार में खड़े श्रद्धालु उस समय हादसे का शिकार हुए, जब मंदिर के पास एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दीवार अचानक भरभराकर गिर पड़ी।

हादसा देर रात 2:30 से 3:00 बजे के बीच हुआ, जब भारी बारिश ने दीवार को कमजोर कर दिया था। मलबे में दबे लोगों के चीखने की आवाजों ने मंदिर परिसर में दहशत फैला दी। मृतकों में पांच पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं, जबकि घायलों को तुरंत श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज (KGH) में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

त्वरित राहत और बचाव कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किए। जिला कलेक्टर एमएन हरेनधीर प्रसाद और पुलिस आयुक्त शंखब्रत बागची ने बचाव अभियान की निगरानी की, जबकि आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता और विशाखापत्तनम के सांसद एम श्रीभारत ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। गृह मंत्री ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हाल ही में बनी इस दीवार की गुणवत्ता की गहन जांच की जाएगी। हम घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।”

मंदिर प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए 300 रुपये के टिकट वाली कतार को वैकल्पिक मार्ग पर डायवर्ट किया, ताकि चंदनोत्सव के दर्शन और अनुष्ठान बिना किसी व्यवधान के जारी रह सकें।

नेताओं ने जताया शोक, मुआवजे की घोषणा

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये और घायलों को 3 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। अपने बयान में उन्होंने कहा, “यह हादसा अत्यंत दुखद है। हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर शोक जताया और पीएम नेशनल रिलीफ फंड (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “विशाखापत्तनम में दीवार गिरने से हुई जानमाल की हानि से बहुत दुख हुआ। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं।”

हादसे के कारणों की जांच शुरू

प्रारंभिक जांच में भारी बारिश और तेज हवाओं को दीवार ढहने का मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि, गृह मंत्री अनिता ने स्पष्ट किया कि हाल ही में बनी इस दीवार की निर्माण गुणवत्ता की जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश से मिट्टी धंसने और दीवार के कमजोर बुनियादी ढांचे ने इस त्रासदी को जन्म दिया।

सिम्हाचलम मंदिर का महत्व

सिम्हाचलम मंदिर, जिसे 11वीं सदी में ओडिशा के गजपति शासकों ने स्थापित किया था, अपनी कलिंग और द्रविड़ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान विष्णु के नरसिम्हा अवतार को समर्पित है और आंध्र प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। चंदनोत्सव के दौरान यहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जिससे इस उत्सव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और बढ़ जाता है।

सुरक्षा पर उठे सवाल

इस हादसे ने मंदिर प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के सामने कई सवाल खड़े किए हैं। मंदिर परिसर में सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की मांग उठ रही है, खासकर ऐसे मौसम में जब भारी बारिश की संभावना हो। साथ ही, श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और आपदा प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।

विशाखापत्तनम का यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि एक सबक भी है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस दुखद घटना के बाद, प्रभावित परिवारों के प्रति देश भर से संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं, और सभी की यही कामना है कि घायल जल्द स्वस्थ हों और ऐसी घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।

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