N/A
Total Visitor
30.8 C
Delhi
Monday, June 16, 2025

विराट की विजय गाथा: 18वें साल में 18 नंबर की जर्सी ने रचा इतिहास!

नई दिल्ली, 4 जून 2025, बुधवार: रात के 11 बजकर 20 मिनट। स्टेडियम में हलचल, दिलों की धड़कनें थम सी गईं। पसीने से तरबतर विराट कोहली, वो शेर, जो मैदान पर हर बार जंग लड़ता है, आज थोड़ा बेचैन दिखा। और क्यों न हो? रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का पहला आईपीएल खिताब अब बस एक ओवर की दूरी पर था। वो पल, जिसका इंतज़ार 18 सालों से हर आरसीबी फैन की सांसों में अटका था।

11:25 – विजय का वो ऐतिहासिक क्षण!

जोश हेजलवुड ने आखिरी ओवर में तूफान मचा दिया। गेंद हवा में उछली, और साथ ही स्टेडियम में गूंज उठीं तालियों की गड़गड़ाहट। विराट की आँखों में आंसुओं की लहर, चेहरा हथेलियों में छिपा, जैसे वो इस पल को सिर्फ अपने दिल में समेटना चाहते थे। आरसीबी के खिलाड़ी उन्हें घेरकर उछलने लगे, जैसे सारा आसमान उनका हो। 18 नंबर की जर्सी का 18 साल का लंबा इंतज़ार आखिरकार खत्म हुआ। ये था वो जादुई पल, जब सपने हकीकत में बदले!

एक योद्धा, एक सपना, एक अनमोल रिश्ता

ये जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं थी; ये थी विराट कोहली और आरसीबी की अनकही प्रेम कहानी का ताज। 18 साल पहले, जब आईपीएल ने क्रिकेट की दुनिया में पहला कदम रखा, तब पश्चिम दिल्ली का वो गोल-मटोल, जोशीला लड़का, विराट, मैदान में उतरा। आँखों में जीत का जुनून, दिल में बेंगलुरु के लिए प्यार। उस ड्रेसिंग रूम में राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और जैक कैलिस जैसे दिग्गज थे, लेकिन मालिक विजय माल्या ने इस नौजवान पर दांव लगाया। विराट को दी गई आज़ादी, और उन्होंने उसे दोनों हाथों से थाम लिया।

22 की उम्र में कप्तानी का ताज

2011 में, जब विराट सिर्फ 22 साल के थे, उन्हें आरसीबी की कमान सौंपी गई। इतनी कम उम्र में इतना बड़ा दबाव, लेकिन विराट ने उसे अपनी ताकत बना लिया। 12 साल, 143 मैच, और अनगिनत उतार-चढ़ाव, फिर भी वो डटे रहे। बेंगलुरु के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में विराट ने वो जगह बनाई, जो शायद ही कोई और कर पाए। हर गली, हर नुक्कड़ पर आरसीबी के लिए प्यार उमड़ने लगा, और इसका श्रेय सिर्फ विराट के करिश्मे को जाता है।

जब धोनी और रोहित चमके, विराट ने ठानी

महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स को पांच बार चैंपियन बनाया, रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस ने भी बाजी मारी। सनराइजर्स हैदराबाद और डेक्कन चार्जर्स ने भी अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखवाया। लेकिन विराट? वो तो आरसीबी के साथ एक अटूट रिश्ते में बंधे रहे। हार, निराशा, आलोचना—सब कुछ झेला, पर वो सपना कभी नहीं छोड़ा। वो सपना, जो था आरसीबी को आईपीएल का ताज दिलाने का।

क्रिकेट के ‘शोमैन’ का ताज

आज, जब क्रिकेट के इस महानायक ने अनगिनत रिकॉर्ड्स अपने नाम किए, तब भी उनके दिल में एक कसक थी—आईपीएल ट्रॉफी की। लेकिन 18वें साल में, 18 नंबर की जर्सी ने किस्मत का ताला खोल दिया। ये जीत सिर्फ विराट की नहीं, उन लाखों आरसीबी फैंस की थी, जिन्होंने हर हार में भी अपने हीरो पर भरोसा रखा। स्टेडियम से लेकर दुनिया के कोने-कोने तक, हर फैन की आँखें नम थीं, दिल खुशी से झूम रहा था।

विराट कोहली—नाम नहीं, एक जुनून। आरसीबी—टीम नहीं, एक जज़्बा। और ये ट्रॉफी? ये है उस अनमोल रिश्ते का इनाम, जो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा। इस पल को न विराट भूलेंगे, न बेंगलुरु, और न ही दुनिया भर के वो फैन, जिनके लिए आरसीबी सिर्फ एक टीम नहीं, बल्कि एक एहसास है!

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »