बैरिया (बलिया), 29 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया थाना क्षेत्र में रविवार (27 जुलाई 2025) की शाम एक अंत्येष्टि कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो दिग्गज नेताओं के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस हिंसक झड़प में बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, उनके बेटे विद्याभूषण उर्फ हजारी सिंह और पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के बेटे विपुलेंद्र प्रताप सिंह सहित दोनों पक्षों से 10 लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर 26 नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
घटना सोनबरसा गांव में श्याम सुंदर उपाध्याय की पत्नी के अंतिम संस्कार के दौरान हुकुम छपरा गंगा घाट पर शुरू हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ दाह संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे। इसी दौरान किसी बात को लेकर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और पूर्व सांसद के बेटे विपुलेंद्र प्रताप सिंह के बीच कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। स्थिति को स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर शांत कराया, लेकिन घाट से लौटते समय चिरैया मोड़ पर दोनों पक्ष फिर आमने-सामने आ गए। यहां लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर और कथित तौर पर धारदार हथियारों का भी इस्तेमाल हुआ।
प्रशांत उपाध्याय की शिकायत के अनुसार, सुरेंद्र सिंह ने पिस्तौल लहराते हुए उन पर गोली चलाई, जो उनके कान के पास से निकल गई। इस हमले में कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए। दूसरी ओर, सुरेंद्र सिंह के बेटे विद्याभूषण ने आरोप लगाया कि विपुलेंद्र प्रताप सिंह और उनके समर्थकों ने चाकू और रिवॉल्वर से हमला किया। दोनों पक्षों के चार-चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें सोनबरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। कुछ को गंभीर स्थिति के कारण सदर अस्पताल रेफर किया गया।
बैरिया थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी (सीओ) मोहम्मद फहीम कुरैशी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। आसपास के पांच थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया ताकि तनाव बढ़ने से रोका जा सके। अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) कृपा शंकर ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं में बलवा, डकैती, जानलेवा हमला और गोलीबारी जैसे गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है। सुरेंद्र सिंह ने दावा किया कि वह केवल दाह संस्कार में शामिल होने गए थे, जहां विपुलेंद्र के समर्थकों ने उन पर हमला किया। वहीं, विपुलेंद्र ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं था और झगड़ा समर्थकों के बीच हुआ।
स्थानीय राजनीतिक हलकों में इस घटना को बीजेपी की आंतरिक गुटबाजी का परिणाम माना जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच पहले भी कई बार तनातनी की खबरें सामने आ चुकी हैं। जानकारों का मानना है कि यह घटना आगामी निकाय और विधानसभा चुनावों से पहले शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा हो सकती है। फिलहाल, पुलिस ने इलाके में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त बल तैनात किया है और मामले की जांच जारी है।