नई दिल्ली, 18 मार्च 2025, मंगलवार। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने अब हिंसा का रूप ले लिया है। इसके कारण सोमवार रात 8:30 बजे नागपुर में हिंसा भड़क उठी। विश्व हिंदू परिषद द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर मुगल बादशाह का पुतला फूंका गया। इसके बाद मुस्लिम भड़क गए और उन्होंने तोड़ फोड़ शुरू कर दी। महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार को दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। जिसके बाद उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। साथ ही पथराव करके सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया। इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिसमें वो घायल हो गए हैं। स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। 50 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। इसके बाद दूसरी झड़प रात 10:30 से 11:30 बजे के बीच हंसपुरी इलाके में पुराना भंडारा रोड पर हुई। जहां एक भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और घरों में तोड़फोड़ कर दी। फिलहाल अभी शांति है और बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने जानकारी दी कि शहर में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस की 20 टीमें बनाई गई हैं। पूरे इलाके में फोर्स उतार दिया गया है।चश्मदीदों का कहना है कि उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढक रखे थे। वो हाथ में तलवार, डंडे और बोतलें लेकर आए थे। अचानक से सभी ने हंगामा करना शुरू कर दिया और घरों पर पत्थर फेंकने लगे। दुकानों में तोड़-फोड़ की और आग लगा दी। गाड़ियों के शीशे तोड़कर उसमें भी आग लगा दी। पुलिस अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उनके पास मौजूद दूसरे वीडियो क्लिप खंगाल रही है। मामले में एफआईआर की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस ने शहर में शांति बनाए रखने और नागपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील भी की है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस नागपुर हिंसा को लेकर बेहद सख्त हैं। नागपुर पुलिस ने अबतक हिंसा में शामिल 50 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट कर लिया है। इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ है। सुबह इंटरनेट सेवाएं फिर से बहाल कर दी गई। उधर, दूसरे पक्ष की शिकायत के आधार पर पुलिस ने विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली है। नागपुर हिंसा ने महाराष्ट्र ही नहीं देश में भी सबको हिलाकर रख दिया। बताया जाता है कि ये हिंसा उन दावों के बाद हुई, जिनमें एक धर्म के संगठनों ने दूसरे धर्म के संगठनों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हरे रंग के एक कपड़े को जलाने का आरोप लगाया। जिस कपड़े को जलाया गया, उस पर धार्मिक बातें लिखी हुई थीं। दरसल, औरंगजेब की कब्र के बाहर प्रदर्शन को लेकर अचानक 200 से 300 लोगों की भीड़ आ धमकी। बताया जा रहा है कि ये विरोध संभाजीनगर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किया गया था। इसी बीच अफवाह फैल गई कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है।
वहीं, नागपुर (महाराष्ट्र) हिंसा पर केंद्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने कहा, कुछ अफवाहों के कारण नागपुर में धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हुई है। नागपुर शहर का इतिहास ऐसे मामलों में शांति बनाए रखने का रहा है। मैं अपने सभी भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और शांति बनाए रखें।