लॉस एंजिल्स, 9 जून 2025, सोमवार: अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में हाल के दिनों में हिंसा और अराजकता की खबरें सामने आ रही हैं, जिसने विश्वभर का ध्यान आकर्षित किया है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक पुराने बयान, जिसमें उन्होंने इस्लाम और मुसलमानों को दुनिया में शांति का सबसे बड़ा प्रतीक बताया था, को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों ने उनके इस बयान को लॉस एंजिल्स की मौजूदा स्थिति से जोड़कर तंज कसा है, जबकि अन्य ने इसे गलत संदर्भ में पेश करने की आलोचना की है। दरसल, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि लॉस एंजिल्स में हिंसा और लूटपाट में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं, और इसे राहुल गांधी के बयान से जोड़ा गया है।
गौरतलब है कि, लॉस एंजिल्स में हाल ही में आप्रवासियों के खिलाफ की गई इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की कार्रवाइयों के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कई जगहों पर आगजनी, लूटपाट और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं। खबरों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों, जिनमें सेल्फ-ड्राइविंग Waymo टैक्सियां भी शामिल हैं, को आग के हवाले कर दिया। इसके जवाब में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों को शहर में तैनात किया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
लॉस एंजिल्स के परमाउंट और कॉम्पटन जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच झड़पें हुई हैं, जहां पत्थरबाजी, आंसू गैस और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ। स्थानीय प्रशासन और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम ने नेशनल गार्ड की तैनाती को “अनावश्यक” और “उकसाने वाला” करार दिया है। लॉस एंजिल्स की स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। स्थानीय निवासियों से शांति बनाए रखने और हिंसा से बचने की अपील की गई है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है, और यह देखना बाकी है कि यह संकट कैसे सुलझता है।