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Tuesday, June 24, 2025

विनेश फोगाट: ओलंपिक का सपना, संघर्ष और 4 करोड़ का इनाम

नई दिल्ली, 10 अप्रैल 2025, गुरुवार। भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने मैदान पर अपनी ताकत और जज्बे से देश का सिर गर्व से ऊंचा किया। पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल से चूकने के बावजूद उनकी कहानी प्रेरणा से कम नहीं है। हरियाणा सरकार ने उनके इस समर्पण को सम्मानित करने के लिए तीन शानदार विकल्प पेश किए थे: एक सरकारी नौकरी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का प्लॉट या फिर 4 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार। अब विनेश ने अपना फैसला सुना दिया है, और सरकार को भी इसकी जानकारी दे दी है।

ओलंपिक का सपना और वजन का वह 100 ग्राम

विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल तक पहुंची थीं। 6 अगस्त 2024 को उनका वजन 49.9 किलोग्राम था, लेकिन अगले ही दिन, 7 अगस्त को, फाइनल से ठीक पहले वजन 50.1 किलोग्राम हो गया। ओलंपिक के सख्त नियमों के तहत यह 100 ग्राम का अंतर उनके सपनों पर भारी पड़ गया। उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह एक ऐसा पल था, जिसने न सिर्फ विनेश को, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। इसके बाद 8 अगस्त को विनेश ने कुश्ती से संन्यास ले लिया, लेकिन उनका जुझारूपन यहीं खत्म नहीं हुआ।

राजनीति में एंट्री और विधायक की कुर्सी

संन्यास के बाद विनेश ने एक नया रास्ता चुना। 6 सितंबर 2024 को वह कांग्रेस में शामिल हुईं और जुलाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उनकी जीत शानदार रही—6,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से उन्होंने विधायक की कुर्सी हासिल की। मैदान से सियासत तक, विनेश ने हर कदम पर अपनी ताकत साबित की।

सरकार से वादा और विनेश की मांग

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विनेश को सिल्वर मेडलिस्ट के बराबर सम्मान देने का वादा किया था। 7 अगस्त 2024 को उन्होंने एक्स पर लिखा, “विनेश, आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं।” अगले दिन उन्होंने घोषणा की कि विनेश को रजत पदक विजेता के समान सभी लाभ मिलेंगे। लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी जब यह वादा पूरा नहीं हुआ, तो विनेश ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। जवाब में सीएम सैनी ने कहा कि भले ही विनेश अब कांग्रेस विधायक हों, सरकार अपने वादे पर कायम है और उन्हें तीन विकल्पों में से एक चुनने का हक है।

4 करोड़ का फैसला

विनेश ने ज्यादा सोच-विचार नहीं किया और 4 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार को चुना। उन्होंने खेल विभाग को अपने फैसले की जानकारी दे दी है, और अब इस पर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य सरकार की खेल नीति के तहत रजत पदक विजेताओं को यही लाभ मिलते हैं, और विनेश के लिए यह सम्मान उनके संघर्ष का एक छोटा-सा इनाम है।

एक प्रेरणा, एक मिसाल

विनेश फोगाट की कहानी सिर्फ कुश्ती या ओलंपिक तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसी बेटी की कहानी है, जिसने हर मुश्किल का डटकर सामना किया। 100 ग्राम ने भले ही उनका मेडल छीन लिया, लेकिन उनकी हिम्मत और मेहनत को कोई नहीं छू सका। आज वह न सिर्फ एक खिलाड़ी हैं, बल्कि एक विधायक और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा भी हैं। 4 करोड़ रुपये का यह इनाम उनके जज्बे का सम्मान है, और शायद यह संदेश भी कि हार के बाद भी जीत का रास्ता हमेशा खुला रहता है।

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