वाराणसी, 12 अक्टूबर 2024, शनिवार। अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की, अनाचार पर सदाचार की, आतंकवाद पर शांति की विजय का पर्व विजयदशमी आज यानी शनिवार को मनाया जा रहा है। दशहरा के इस उत्सव में शाम से लेकर देर रात तक जगह-जगह रामलीलाओं में रावण वध की लीला होगी। अनेक स्थानों पर अधर्म के प्रतीक रावण के ऊंचे-ऊंचे पुतलों का भगवान श्रीराम अपने बाणों से दहन करेंगे। साथ ही उसके भाई कुंभकर्ण व पुत्र मेघनाद के पुतले भी जलाए जाएंगे। नौ दिनों से चल रहे इस धर्माधर्म युद्ध के अंतिम दिवस का विजयोल्लास मेलों के रूप में फूट पड़ेगा। दशहरे पर शनिवार को बरेका समेत शहर और देहात में कुल 77 जगहों पर रावण के पुलते का दहन होगा। कमिश्नरेट पुलिस ने पूजा समितियों से मिलकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। सबसे अधिक भीड़ बरेका मैदान में होती है। लिहाजा बरेका परिसर में यातायात प्रतिबंध भी रहेगा।
बरेका में शनिवार को पुतला दहन के दौरान स्टेडियम, सिनेमा हॉल और बास्केटबॉल ग्राउंड के करीब सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक होगी। पीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य निगम द्वार और सेंट जॉन्स स्कूल गेट दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक बंद रहेंगे। पिकेट गेटों से भी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा। इसी तरह रामनगर, मलदहिया चौराहा, अर्दली बाजार में महावीर मंदिर के पास, लंका में रविदास चौराहे के पास समेत अन्य स्थानों पर पुलिस ने शुक्रवार को मुआयना किया। रावण दहन और लीला के दौरान इंग्लिशिया लाइन से मलदहिया चौराहा, उधर अर्दलीबाजार में महावीर मंदिर के पास आवागमन बंद रहेगा।
दशानन के वध को प्रभु चलाएंगे 31 बाण
काशी में विजयादशमी के दिन रावण दहन की विशेष परंपरा का निर्वाह अब तक हो रहा है। 1543 से होती आ रही श्रीआदि लाटभैरव की रामलीला में अभी भी भगवान राम एक साथ 31 बाण चलाते हैं जिससे रावण का वध होता है। गंगा-वरुणा संगम स्थल पर होने वाली इस रामलीला में भगवान राम के स्वरूप द्वारा धनुष से एक साथ 31 बाण छोड़े जाते हैं। इनमें से 20 रावण की भुजाओं पर, 10 बाण उसे सिरों पर और एक बाण उसकी नाभी में लगता है। लीला समिति के प्रधानमंत्री एडवोकेट कन्हैयालाल यादव ने बताया कि शास्त्र कहते हैं कि विभीषण की सलाह पर श्रीराम ने एक साथ 31 बाण रावण पर छोड़े थे। लीला के दौरान छोड़े जाने वाले बाणों को लूटने की होड़ दर्शकों में रहती है। कुछ इस बाण को श्रद्धा से अपने पास रखते हैं तो कुछ इसे जला कर प्राकृतिक दवाएं बनाते हैं। इस बार 70 फीट के रावण का निर्माण किया गया है। 65 फीट के मेघनाथ और 60 फीट के कुंभकरण का पुतला जलाया जाएगा।
विश्वनाथ धाम में होगी शस्त्र पूजा
सनातन शौर्य एवं विजय के प्रतीक दिवस विजयादशमी पर 12 अक्तूबर को काशी विश्वनाथ धाम में शस्त्रों का पूजन होगा। इसमें शैव परंपरा के अख- शस्त्रों की शास्त्रोक्त आराधना का आयोजन होगा। पूजन सुबह 10 बजे से मंदिर परिसर स्थित कलश स्थापना स्थल (मां अन्नपूर्णा विग्रह के पास) के सामने संपन्न होगा।