वाराणसी, 22 जुलाई 2025: शहर के चौकाघाट, अंधरापुल और नक्खीघाट जैसे व्यस्त इलाकों में यातायात का दबाव कम करने और कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए शुरू हुआ कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य 68 महीनों बाद भी अधूरा है। 32 महीनों में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट अधिकारियों की लापरवाही और विभागीय उलझनों के चलते लटका हुआ है। इससे स्थानीय लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है और रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से जाम की समस्या बढ़ गई है।

मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और शहर दक्षिणी के पूर्व प्रत्याशी किशन दीक्षित ने क्षेत्र का दौरा कर स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। बारिश के मौसम में सड़कों पर जलभराव और सीवर का पानी जमा होने से दुर्गंध फैल रही है, जिसके कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि अधिकारियों और सत्तापक्ष के नेताओं से सैकड़ों बार शिकायत के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।
सपा का आंदोलन, धरने का ऐलान
किशन दीक्षित ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन किया और अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो सपा सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। धरने में मुकेश कुमार सोनी, शिव कुमार सोनकर, बंटू कुमार सोनकर, अजीत जायसवाल, टंडन सेठ, रामसेवक सोनकर, अनिल कुमार केसरी सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।
32 महीने का काम, 68 महीने बाद भी अधूरा
बता दें कि कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण सितंबर 2019 में शुरू हुआ था और इसे जून 2022 तक पूरा होना था। काम में देरी के चलते शासन ने पहले मार्च 2024 और फिर जून 2025 की नई समय-सीमा तय की, लेकिन प्रगति संतोषजनक नहीं है। अब यह अनिश्चित है कि प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा।
स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सवाल यह है कि आखिर कब तक वाराणसी की जनता को इस अव्यवस्था का खामियाजा भुगतना पड़ेगा?