वाराणसी, 2 दिसंबर 2024, सोमवार। वाराणसी स्थित सौ साल से भी अधिक पुराने उदय प्रताप कॉलेज में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वक्फ बोर्ड ने इस कॉलेज को अपनी संपत्ति घोषित करते हुए नोटिस जारी किया है, जिससे कॉलेज के स्टॉफ और छात्रों में काफी नाराजगी है। इस घटना के बाद छात्रों ने कॉलेज परिसर में स्थित मस्जिद में नमाज के लिए आने वाले लोगों की संख्या को सीमित करने की मांग की है। इसके अलावा, छात्रों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए वक्फ बोर्ड का पुतला फूंका। सोमवार को कॉलेज नियत समय के अनुसार खुला, लेकिन छात्रों के विरोध प्रदर्शन के संकेत मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। यह घटना उदय प्रताप कॉलेज के भविष्य को लेकर कई सवाल उठाती है और छात्रों की नाराजगी को समझने की जरूरत है।
उदय प्रताप कॉलेज पर वक्फ बोर्ड का दावा: छात्रों और स्टाफ में नाराजगी!
वाराणसी स्थित 115 साल पुराने उदय प्रताप कॉलेज को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित करते हुए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कॉलेज की जमीन पर मालिकाना हक जताते हुए इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड से अटैच होने की बात कही गई है। वक्फ बोर्ड की इस दावे के बाद बवाल खड़ा हो गया है। उदय प्रताप कॉलेज के छात्रों और स्टाफ ने इस पर आपत्ति जताई है। छात्रों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और इसके खिलाफ आवाज उठाई है। यह घटना उदय प्रताप कॉलेज के भविष्य को लेकर कई सवाल उठाती है और छात्रों की नाराजगी को समझने की जरूरत है।
उदय प्रताप कॉलेज का इतिहास और महत्व!
वाराणसी के भोजूबीर क्षेत्र में स्थित उदय प्रताप कॉलेज एक ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है। इसकी स्थापना महाराजा राजर्षि सिंह जू देव ने 1909 में की थी। इस कॉलेज परिसर में कई शैक्षिक संस्थान संचालित किए जाते हैं, जिनमें उदय प्रताप इंटर कॉलेज, रानी मुरार बालिका इंटर कॉलेज, उदय प्रताप पब्लिक स्कूल, मैनेजमेंट कॉलेज और उदय प्रताप स्वायत्तशासी कॉलेज शामिल हैं। इन सभी संस्थानों में कुल 15 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। कॉलेज परिसर में एक मस्जिद भी स्थित है, जिसमें आसपास के लोग नमाज अदा करने जाते हैं। यह मस्जिद कॉलेज परिसर में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
उदय प्रताप कॉलेज की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का दावा: विवादों के बीच मामला सुर्खियों में!
साल 2018 में भोजूबीर के एक व्यक्ति ने लखनऊ स्थित वक्फ बोर्ड कार्यालय को एक आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने उदय प्रताप कॉलेज की संपत्ति को वक्फ की प्रॉपर्टी बताया था। इस आवेदन के आधार पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज प्रबंधन को एक नोटिस जारी किया था। इस नोटिस का जवाब देते हुए उदय प्रताप कालेज प्रबंधन ने कहा कि मस्जिद अवैध तरीके से बनी है और इसके कोई कागजात नहीं हैं। जबकि कॉलेज की संपत्ति इंडाउमेंट ट्रस्ट की है, जो जमीन न खरीदी जा सकती है न ही बेची जा सकती है। इस मामले में विवादों के बीच मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। उदय प्रताप कॉलेज के छात्रों और स्टाफ ने इस मामले में अपनी आपत्ति जताई है और वक्फ बोर्ड के दावे का विरोध किया है।