वाराणसी, 20 मार्च 2025, गुरुवार। वाराणसी पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पहली बार बड़ी कार्रवाई शुरू की है। कैंट थाना प्रभारी की शिकायत के आधार पर जिला जेल में बंद 7 साइबर ठगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इन अपराधियों ने जून 2024 में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर तेजस्वी शुक्ला नामक व्यक्ति से KIA कार एजेंसी दिलाने के बहाने 72 लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले में भेलूपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस गैंग का सरगना प्रियरंजन कुमार है, जो बिहार के नालंदा जिले का निवासी है और एक संगठित गिरोह चलाकर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाता है। जांच के बाद पुलिस ने इनके खिलाफ यह सख्त कदम उठाया है।
कैंट थाना प्रभारी राज कुमार शर्मा ने बताया कि जून 2024 में भेलूपुर थाने में तेजस्वी शुक्ला ने 72 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद साइबर क्राइम यूनिट, एसओजी और वाराणसी पुलिस ने मिलकर इन ठगों को पकड़ने का अभियान शुरू किया। पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनका मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। भेलूपुर पुलिस ने इन अपराधियों का गैंग चार्ट तैयार कर कैंट थाने को भेजा था।
इंस्पेक्टर शर्मा ने आगे बताया कि गैंग चार्ट में प्रियरंजन कुमार, प्रभाकर, हिमांशु राज, आलोक कुमार, दीपक कुमार, सत्येंद्र सुमन, सौरव कुमार, रमेश सिंह भूटोला और रंजन कुमार, सभी नालंदा (बिहार) के निवासी, शामिल हैं। जांच में पता चला कि प्रियरंजन इस गिरोह का मास्टरमाइंड है, जो बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में लोगों को ठगी का शिकार बनाता है। बाकी सदस्य भी इस गैंग में बराबर के भागीदार हैं।
उन्होंने कहा कि जांच में यह भी सामने आया कि ये अपराधी सफेदपोश और प्रभावशाली हैं, जिसके कारण लोग इनके खिलाफ बोलने से डरते हैं। इस वजह से पुलिस ने गैंग चार्ट तैयार किया और उत्तर प्रदेश गिरोहबंद अधिनियम 1986 की धारा 3(1) के तहत सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई है।