N/A
Total Visitor
34.9 C
Delhi
Tuesday, June 24, 2025

वाराणसी हत्याकांड: एक होनहार छात्र की दुखद अंत, इंसाफ की गुहार

वाराणसी, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। वाराणसी के ज्ञानदीप स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना ने शहर को हिलाकर रख दिया। 12वीं कक्षा के होनहार छात्र हेमंत वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपी कोई और नहीं, बल्कि स्कूल के डायरेक्टर का बेटा यजुवेंद्र सिंह उर्फ रवि है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी बनकर आई, बल्कि वाराणसी की कचहरी से लेकर थाने तक हंगामे का कारण भी बनी।

हत्या की वह काली दोपहर

मंगलवार की दोपहर, करीब 1:30 बजे। हेमंत अपने चाचा के घर पर खाना खा रहा था। तभी एक फोन कॉल आया और वह खाना छोड़कर निकल गया। उसके दो दोस्त, शशांक और किशन, उसे कॉलेज कैंपस के पास डायरेक्टर के घर ले गए, जहां रवि ने उन्हें बुलाया था। रवि का दावा है कि हेमंत एक शिक्षिका की बेटी को परेशान कर रहा था, और उसे समझाने के लिए बुलाया गया था। लेकिन बातचीत जल्द ही झगड़े में बदल गई। रवि के मुताबिक, छीना-झपटी में गोली चल गई, जो हेमंत की कनपटी को आर-पार कर गई।

घटना के बाद, हेमंत को लहूलुहान हालत में उसके दोस्त ट्रॉमा सेंटर ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डायरेक्टर के घर की पार्किंग एरिया में बने कमरे में यह खौफनाक वारदात हुई, जहां सीसीटीवी फुटेज में बाहर की गतिविधियां दर्ज हुई हैं। पुलिस ने रवि की पिस्टल बरामद कर ली है और एक दोस्त को हिरासत में लिया है।

पिता का दर्द: “मेरा बेटा, मेरा गर्व था”

हेमंत के पिता कैलाशनाथ वर्मा, वाराणसी कचहरी के एक सम्मानित अधिवक्ता, इस घटना से टूट चुके हैं। उन्होंने बताया, “मेरा बेटा मैथ्स का मेधावी छात्र था। इस बार उसने इंटर का एग्जाम दिया था, रिजल्ट का इंतजार था। वह अपने चाचा के साथ रहकर पढ़ाई करता था।” हेमंत की हंसी और उसकी मेहनत उनके परिवार की ताकत थी, लेकिन एक फोन कॉल ने सबकुछ छीन लिया।

कैलाशनाथ को स्कूल से फोन आया कि उनके बेटे को गोली लगी है। जब वे कचहरी से स्कूल पहुंचे, तो पता चला कि हेमंत को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया है। वहां पहुंचने पर उनका संसार उजड़ चुका था। आंसुओं के बीच वे कहते हैं, “हमें इंसाफ चाहिए। मेरा बेटा अब नहीं रहा, लेकिन उसकी मौत का सच सामने आना चाहिए।”

आरोपी का दावा: “मैंने समझाने बुलाया था”

पुलिस हिरासत में रवि ने दावा किया कि उसने हेमंत को एक शिक्षिका की शिकायत के बाद समझाने के लिए बुलाया था। शिक्षिका ने बताया था कि हेमंत उनकी बेटी को परेशान करता है। रवि के मुताबिक, बातचीत के दौरान झगड़ा हुआ और अचानक गोली चल गई। वह इसे हादसा बताता है, लेकिन पुलिस और पीड़ित परिवार इसे हत्या मानते हैं। डीसीपी वरुणा के अनुसार, प्रारंभिक जांच में मामला शिक्षिका की बेटी को परेशान करने से जुड़ा प्रतीत होता है। सीसीटीवी फुटेज और पिस्टल की बरामदगी के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है।

कचहरी का गुस्सा, थाने का हंगामा

घटना के बाद वाराणसी की कचहरी में आक्रोश फैल गया। हेमंत के पिता के साथ सौ से ज्यादा अधिवक्ता शिवपुर थाने पहुंचे और इंसाफ की मांग की। शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक हंगामा चलता रहा। तीन बार तहरीर बदलने के बाद आखिरकार एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें रवि, शशांक और किशन को आरोपी बनाया गया। अधिवक्ता केके सिंह ने कहा, “एडवोकेट्स की ताकत से बड़ा कोई रसूख नहीं। जब आरोपी कचहरी आएंगे, तब उनकी ताकत देख लेंगे।” बार एसोसिएशन के तहसील महामंत्री सुधीर सिंह ने मांग की कि रवि के हथियार का लाइसेंस रद्द हो। उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।

इंसाफ की राह पर सवाल

यह हत्याकांड न केवल एक परिवार के लिए दुखदायी है, बल्कि समाज में रसूख और कानून के बीच की खाई को भी उजागर करता है। हेमंत की हत्या एक हादसा थी या सुनियोजित साजिश, यह जांच का विषय है। लेकिन एक होनहार छात्र की जान चले जाना और उसके परिवार का बिखर जाना वाराणसी के लिए एक गहरी चोट है। अधिवक्ताओं का गुस्सा, पुलिस की जांच और पीड़ित पिता की पुकार अब इंसाफ की उम्मीद पर टिकी है। क्या हेमंत को न्याय मिलेगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »