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Thursday, June 19, 2025

वाराणसी नगर निगम का आत्मनिर्भरता की ओर कदम: म्युनिसिपल बांड से बनेगी नई राह

वाराणसी, 2 मई 2025, शुक्रवार। वाराणसी, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी, अब आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया इतिहास रचने को तैयार है। वाराणसी नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने और शहर के विकास को गति देने के लिए 50 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बांड जारी करने का फैसला किया है। इस राशि से 74.52 करोड़ रुपये की दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा, जो निगम को हर महीने एक करोड़ रुपये से अधिक की आय देने का वादा करती हैं। यह कदम न केवल निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि शहर की संपत्ति में भी एक अरब रुपये से अधिक की वृद्धि करेगा।

दो परियोजनाएं, जो बदलेंगी वाराणसी की तस्वीर

पहली परियोजना सिगरा स्टेडियम के पास 40.52 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला एक आधुनिक अंडरग्राउंड पार्किंग और मार्केट कॉम्प्लेक्स है। 2600 वर्ग मीटर में बनने वाले इस जी+6 भवन में 56 कारों और 22 दोपहिया वाहनों के लिए भूमिगत पार्किंग की सुविधा होगी। इसके साथ ही इसमें होटल और दुकानें भी होंगी। शहर के मध्य में स्थित होने के कारण इस परियोजना से निगम को हर महीने करीब 65 लाख रुपये की आय होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट के लिए निगम 25 करोड़ रुपये का बांड जारी करेगा।

दूसरी परियोजना लहुराबीर-मैदागिन मार्ग पर कबीरचौरा रोड (सेनपुरा) के पशु चिकित्सालय परिसर में 34 करोड़ रुपये की लागत से ढाई एकड़ में बनने वाला जी+2 कमर्शियल भवन है। इस परियोजना से निगम को प्रति माह करीब 35 लाख रुपये की आय होने का अनुमान है। इसके लिए भी 25 करोड़ रुपये का बांड जारी किया जाएगा। दोनों परियोजनाओं में दुकानों को 30 साल की लीज पर बाजार दर से आवंटित किया जाएगा, जिसमें समय-समय पर किराया बढ़ाने का प्रावधान भी होगा। इससे निगम की आय में साल-दर-साल इजाफा होगा।

आर्थिक लाभ और संपत्ति में वृद्धि

इन परियोजनाओं से निगम को 50 महीनों में ही 50 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है, जबकि बांड का भुगतान सात साल बाद करना होगा। सात साल में निगम को 84 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने का अनुमान है। इसके अलावा, इन परियोजनाओं से निगम की संपत्ति में एक अरब रुपये से अधिक की वृद्धि होगी। शहर के मध्य में जमीन की कमी और ऊंची कीमतों को देखते हुए इन मार्केट कॉम्प्लेक्स में दुकानों की मांग बहुत अधिक होने की संभावना है।

म्युनिसिपल बांड: पारदर्शिता और विश्वसनीयता का प्रतीक

म्युनिसिपल बांड न केवल निगम को बाजार से धन जुटाने का अवसर देता है, बल्कि इसके कार्यों में पारदर्शिता भी लाता है। बांड से प्राप्त राशि का उपयोग उन परियोजनाओं में किया जाता है, जो आय का स्रोत बन सकें। सभी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होने और सेबी की रेटिंग के कारण निगम की साख बढ़ेगी। यह निगम को वित्तीय रूप से और सुदृढ़ बनाएगा।

शहरवासियों के लिए बेहतर सुविधाएं

म्युनिसिपल बांड से प्राप्त धन का उपयोग निगम शहरवासियों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं देने और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की विकास परियोजनाओं को लागू करने में करेगा। वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी के अनुसार, वर्तमान में निगम की आय का मुख्य स्रोत गृहकर है। लेकिन इन मार्केट कॉम्प्लेक्स के बनने से आय का एक नया और स्थायी स्रोत विकसित होगा। अगर ये परियोजनाएं सफल रहीं, तो निगम भविष्य में और भी प्रोजेक्ट शुरू कर सकता है, जिससे शहर की मूलभूत सुविधाओं को और बेहतर किया जाएगा।

आत्मनिर्भर वाराणसी का सपना

यह पहल वाराणसी नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। म्युनिसिपल बांड के जरिए निगम न केवल अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि शहर के विकास को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। यह वाराणसी के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो इसे आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

वाराणसी नगर निगम का यह कदम न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहर के विकास और समृद्धि की नई कहानी भी लिखेगा। म्युनिसिपल बांड के जरिए शुरू होने वाली ये परियोजनाएं वाराणसी को एक आत्मनिर्भर और आधुनिक शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।

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