वाराणसी, 13 अप्रैल 2025, रविवार। वाराणसी में गैंगरेप की शिकार छात्रा की जिंदगी पर अब दोहरा संकट मंडरा रहा है। मेडिकल जांच में पता चला है कि वह हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव है और उसकी हालत गंभीर है। डॉक्टरों के मुताबिक, लंबे समय तक नशे की लत के कारण उसे जॉन्डिस हो गया, जिसने उसके शरीर को कमजोर कर दिया है। उसका ब्लड काउंट भी खतरनाक स्तर तक कम है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त फटकार के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए हैं। छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी दोबारा जांच हो रही है।
यह मामला इतना संवेदनशील हो गया है कि पीड़िता के हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव होने की खबर से गैंगरेप के 12 आरोपियों में भी दहशत फैल गई है। उन्हें डर है कि कहीं वे भी इस बीमारी की चपेट में न आ जाएं। पुलिस ने जांच को तेज करते हुए पीड़िता के नए ब्लड सैंपल लिए हैं, जिनका डीएनए टेस्ट आरोपियों से मिलाया जाएगा। इसके अलावा, आरोपियों के सीमेन, बाल और अन्य सैंपल भी लैब में भेजे गए हैं।
पीएम मोदी का सख्त रुख
शुक्रवार को वाराणसी दौरे पर आए पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर ही पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से इस मामले की पूरी जानकारी ली। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके बाद पुलिस ने तुरंत पीड़िता को पंडित दीनदयाल राजकीय जिला चिकित्सालय के महिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉ. ज्योति ठाकुर की देखरेख में उसकी जांच हुई, जिसमें हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि हुई। डॉक्टरों का कहना है कि सोमवार को उसे किसी बड़े अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।
पीड़िता की मनोदशा और परिवार की चिंता
गैंगरेप की इस भयावह घटना ने पीड़िता को मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ दिया है। वह दहशत में है और परिवार से भी बातचीत नहीं कर पा रही। कभी वह रोने लगती है, तो कभी चुप हो जाती है। परिवार का कहना है कि उसे सुबह-शाम नशे की दवाएं दी जा रही थीं, जिसने उसकी हालत और खराब कर दी। डॉक्टरों ने कुछ दवाएं दी हैं, लेकिन उसकी मनोदशा ठीक होने में वक्त लगेगा।
आरोपियों पर शिकंजा
पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अगले 72 घंटों में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है। चार्जशीट में पीड़िता का बयान, गवाहों की गवाही, घटनास्थल का नक्शा और वीडियो शामिल होंगे। पुलिस ने आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला है। मुख्य आरोपी अनमोल गुप्ता को इस वारदात का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। मंगलवार को आरोपियों के परिजन कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल करेंगे, लेकिन पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की योजना बना रही है। इसके तहत आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
घटना की शुरुआत: एक सामान्य दिन से शुरू हुआ दर्दनाक सफर
29 मार्च 2025 को वाराणसी के पांडेयपुर इलाके की एक 19 वर्षीय युवती अपनी सहेली से मिलने निकली थी। वह एक स्नातक छात्रा थी और स्पोर्ट्स कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रही थी। उस दिन वह सामान्य रूप से अपने घर से निकली, लेकिन जो हुआ, वह किसी के लिए भी कल्पना से परे था। रास्ते में उसे राज विश्वकर्मा नाम का एक परिचित युवक मिला, जो उसे लंका इलाके के एक कैफे में ले गया। यहीं से उसकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक अध्याय शुरू हुआ।
कैफे में राज विश्वकर्मा ने कथित तौर पर युवती के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह उसे कई अन्य लोगों के हवाले करता रहा। अगले छह दिनों तक 29 मार्च से 4 अप्रैल तक युवती को शहर के अलग-अलग हिस्सों में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस के अनुसार, इस दौरान उसे नशीले पदार्थ दिए गए और उसे होटल, कैफे, गोदाम और यहां तक कि चलती कार में भी हैवानियत का शिकार बनाया गया।
छह दिन, 23 आरोपी और एक टूटी हुई जिंदगी
युवती की मां की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर के अनुसार, इस मामले में कुल 23 लोग शामिल थे, जिनमें 12 नामजद और 11 अज्ञात हैं। नामजद आरोपियों में राज विश्वकर्मा, समीर, आयुष धूसिया, सोहेल, दानिश, अनमोल गुप्ता, साजिद, जाहिर, इमरान, जैब, अमन और राज खान शामिल हैं। पुलिस जांच में पता चला कि युवती को शहर के व्यस्त इलाकों में ले जाया गया, जहां उसे ड्रग्स देकर नशे की हालत में रखा गया।
घटना का विवरण रोंगटे खड़े करने वाला है। 30 मार्च को समीर और उसके दोस्त ने युवती को हाईवे पर ले जाकर दुष्कर्म किया। 31 मार्च को आयुष, सोहेल, दानिश, अनमोल, साजिद और जाहिद ने उसका शोषण किया। 1 अप्रैल को साजिद और उसके दोस्तों ने उसे होटल में ले जाकर हैवानियत की। 2 अप्रैल को राज खान ने उसे अपने घर की छत पर ले जाकर नशीला पदार्थ खिलाया, हालांकि उसने दुष्कर्म का प्रयास छोड़ दिया। 3 अप्रैल को दानिश और शोएब ने फिर से उसका शोषण किया। इस दौरान युवती दो बार अपनी सहेली के घर पहुंची, लेकिन वहां से भी उसे उठा लिया गया।
4 अप्रैल को युवती बदहवास हालत में अपने घर पहुंची और अपनी मां को आपबीती सुनाई। मां ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और 7 अप्रैल को लालपुर-पांडेयपुर थाने में 23 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
आगे क्या?
यह केस अब वाराणसी से लेकर दिल्ली तक चर्चा में है। पीड़िता की सेहत, आरोपियों पर कार्रवाई और डीएनए टेस्ट के नतीजे इस मामले की दिशा तय करेंगे। समाज में गुस्सा और सवाल दोनों हैं कि क्या इस मामले में इंसाफ मिलेगा? फिलहाल, पुलिस और प्रशासन की सक्रियता उम्मीद जगा रही है, लेकिन पीड़िता की जिंदगी को पटरी पर लाने की चुनौती अभी बाकी है।