वाराणसी, 8 अप्रैल 2025, मंगलवार। वाराणसी में एक युवती से हुए गैंगरेप के मामले ने शहर को हिलाकर रख दिया। इस घटना के बाद पुलिस की किरकिरी हुई तो आनन-फानन में कार्रवाई शुरू हुई। 23 में से नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, लेकिन यह प्रक्रिया किसी फिल्मी ड्रामे से कम नहीं रही। दिनभर चले नाटकीय घटनाक्रम में पुलिस ने आरोपियों को इधर-उधर घुमाया, मेडिकल करवाया और आखिरकार रात के अंधेरे में कोर्ट में पेश किया। स्पेशल जज के आदेश पर सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया।
दिनभर का ड्रामा, रात का फैसला
सुबह से लेकर देर रात तक पुलिस की गाड़ियां आरोपियों को लेकर सड़कों पर दौड़ती रहीं। पहले उन्हें दीनदयाल अस्पताल ले जाया गया, जहां मेडिकल जांच में पूरा दिन निकल गया। फिटनेस टेस्ट से लेकर ब्लड, स्किन, नाखून और सीमेन सैंपल तक लिए गए। हर आरोपी की जांच में 15-20 मिनट लगे और पीड़िता के आरोपों को साबित करने के लिए बताए गए निशानों की अलग से पड़ताल हुई। मेडिकल के बाद पुलिस उन्हें पुलिस लाइन ले गई, जहां वैन को घंटों खड़ा रखा गया। पुलिसकर्मी आपस में गपशप करते रहे, मानो कोई बड़ा ऑपरेशन चल रहा हो। आखिरकार, अधिकारियों के निर्देश पर रात को कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपियों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। जज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जेल भेजने का आदेश सुना दिया।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध के बाद भी कमिश्नरेट पुलिस की कार्यशैली में कोई खास बदलाव नहीं दिखा। आरोपियों को पकड़ने के बाद पुलिस उनकी मददगार सी नजर आई। मेडिकल और दस्तावेज तैयार करने में पूरा दिन और रात गुजार दी गई। इस दौरान सिपाहियों और आरोपियों के बीच बातचीत भी होती रही। पुलिस ने मीडिया को चकमा देने की भी कोशिश की, लेकिन हर कदम पर सवाल उठते रहे। आला अफसर हर मूवमेंट का अपडेट लेते रहे, फिर भी प्रक्रिया में ढिलाई साफ झलक रही थी।

कौन हैं ये आरोपी?
आरोपियों में कारोबारी से लेकर छात्र तक शामिल हैं। एक आरोपी स्पा संचालक है, जो पहले भी सेक्स रैकेट के मामले में जेल जा चुका है। 2022 में कैंट थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। बाकी आरोपी अलग-अलग दुकानों और होटलों में काम करते हैं, लेकिन इनका कनेक्शन एक हुक्का बार से जुड़ा है। दो आरोपी उस होटल से थे, जहां पीड़िता पार्ट-टाइम काम के लिए आती-जाती थी। यहीं से उसकी इनसे दोस्ती हुई, जो बाद में इस भयावह घटना में बदल गई। पुलिस के मुताबिक, हुक्का बार में युवती को अज्ञात लोगों के सामने भेजा जाता था। मसाज के बहाने देह व्यापार और अनैतिक संबंधों के लिए दबाव डाला जाता था। कई बार उसे नशा देकर विरोध करने की हालत में भी नहीं छोड़ा गया।
भीम आर्मी का हमला
मंगलवार को दीनदयाल अस्पताल में मेडिकल के दौरान एक नया मोड़ आया। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने आरोपियों पर हमला बोल दिया। लालपुर पुलिस की मौजूदगी में हमलावरों ने एकजुट होकर आरोपियों को निशाना बनाया। एक कार्यकर्ता ने आरोपी इमरान के बाल पकड़कर उसे पीट दिया। पुलिस पहले मूकदर्शक बनी रही, लेकिन बाद में बीच-बचाव कर दो हमलावरों को हिरासत में ले लिया। दोनों को लालपुर पांडेयपुर थाने ले जाया गया, जहां पूछताछ जारी है। हैरानी की बात यह रही कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान थानाध्यक्ष गायब रहे।
सवालों के घेरे में पुलिस
यह मामला न सिर्फ वाराणसी की शांति को भंग करने वाला है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है। आरोपियों को जेल भेजने में हुई देरी, प्रक्रिया में ढिलाई और हमले की घटना ने पुलिस की तैयारियों को कठघरे में खड़ा कर दिया। अब सबकी नजर इस बात पर है कि बाकी बचे 14 आरोपियों पर पुलिस कब और कैसे शिकंजा कसेगी।
गैंगरेप में पुलिस ने दबोचे ये आरोपी
- राज विश्वकर्मा पुत्र राजकुमार विश्वकर्मा निवासी सीर करहिया थाना लंका, उम्र 20 वर्ष
- आयुष धूसिया पुत्र अशर्फी लाल निवासी- नईबस्ती हुकुलगंज लालपुर, उम्र 19 वर्ष
- साजिद पुत्र गुलाम जफर निवासी- बादशाहबाग लल्लापुरा थाना सिगरा, उम्र 19 वर्ष
- सुहैल शेख पुत्र मोहम्मद नूर निवासी हुकुलगंज थाना लालपुर उम्र 20 वर्ष,
- दानिश अली पुत्र लियाकत अली लालपुर पाण्डेयपुर, उम्र 20वर्ष,
- इमरान अहमद पुत्र महताब अहमद निवासी बड़ा चकरा लल्लापुरा सिगरा, उम्र 19 वर्ष,
- शब्बीर आलम उर्फ समीर अहमद पुत्र तौफीक अहमद निवासी बड़ा चकरा, उम्र 21 वर्ष,
- सोहेल खान पुत्र अतीक खान निवासी-इंग्लिशिया लाईन सिगरा उम्र 20 वर्ष,
- अनमोल गुप्ता पुत्र शरद गुप्ता मीरापुर बसही थाना शिवपुर वाराणसी, उम्र-28 वर्ष