N/A
Total Visitor
27 C
Delhi
Sunday, August 10, 2025

60 करोड़ की दवाओं पर वाराणसी में सख्ती: FDC दवाएं वापस, स्वास्थ्य की सुरक्षा पहले!

वाराणसी, 20 अप्रैल 2025, रविवार। वाराणसी, जो न केवल आध्यात्मिक नगरी है, बल्कि पूर्वांचल का प्रमुख दवा व्यापार केंद्र भी है, अब एक बड़े दवा विवाद के केंद्र में है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने बिना अनुमति के बिक रही 35 फिक्सड डोज कांबिनेशन (एफडीसी) दवाओं की सूची जारी की है, जिनकी कीमत लगभग 60 करोड़ रुपये है। इन दवाओं को अब कंपनियों को वापस करना होगा, क्योंकि इन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है।

कौन सी दवाएं हैं शामिल?

सीडीएससीओ की सूची में शामिल दवाएं ऐसी हैं, जो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दर्द निवारण और बच्चों की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती हैं। ये दवाएं दो या अधिक दवाओं के मिश्रण से बनी होती हैं, जिन्हें एफडीसी कहते हैं। सरकार ने पिछले साल ऐसी दवाओं के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन वाराणसी की दवा मंडियों में ये अब तक बिक रही थीं। अब इन्हें तत्काल प्रभाव से वापस करने के आदेश जारी किए गए हैं।

वाराणसी: दवा व्यापार का गढ़

वाराणसी की सप्तसागर, नेहरू मार्केट और बुलानाला दवा मंडियां न केवल शहर, बल्कि पूर्वांचल और बिहार के कई हिस्सों में दवाओं की आपूर्ति करती हैं। यहां करीब 5,000 थोक और फुटकर दवा विक्रेता हैं, जिनके पास करोड़ों रुपये का दवा स्टॉक मौजूद है। इन मंडियों में अब हलचल तेज हो गई है, क्योंकि विक्रेताओं ने जर्जर दवाओं को कंपनियों को वापस भेजना शुरू कर दिया है।

दवा विक्रेताओं की प्रतिक्रिया

ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के अध्यक्ष जेएस सिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने दवा विक्रेताओं से इन दवाओं को तुरंत वापस करने की अपील की है। वाराणसी दवा विक्रेता समिति के महामंत्री संजय सिंह ने बताया कि सभी विक्रेताओं को सूची भेज दी गई है और स्टॉक में मौजूद दवाओं को कंपनियों को लौटाने को कहा गया है। अगर किसी विक्रेता को कोई समस्या हो, तो समिति उसका समाधान करेगी।

सख्ती से होगा अनुपालन

ड्रग इंस्पेक्टर विवेक सिंह ने स्पष्ट किया कि सीडीएससीओ के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। दवा विक्रेता समिति के माध्यम से सभी विक्रेताओं को सूचित कर दिया गया है, और इस प्रक्रिया की निगरानी भी की जाएगी। यह कदम न केवल दवा बाजार को नियंत्रित करने के लिए है, बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है।

क्या है चुनौती?

वाराणसी जैसे बड़े दवा बाजार में इतनी बड़ी मात्रा में दवाओं को वापस करना आसान नहीं है। यह प्रक्रिया न केवल आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि दवा विक्रेताओं और कंपनियों के बीच समन्वय की भी जरूरत है। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि बिना अनुमति वाली दवाएं इतने समय तक बाजार में कैसे बिकती रहीं?

हालांकि, सीडीएससीओ का यह कदम दवा बाजार में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। वाराणसी की दवा मंडियों में चल रही यह हलचल न केवल व्यापारियों, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक जागरूकता का संदेश है। स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं—यह संदेश अब वाराणसी की गलियों से गूंज रहा है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »