वाराणसी, 22 नवंबर 2024, शुक्रवार। काशी में सैलानियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। इस साल की पहली छमाही में यहां पर 4 करोड़ से ज्यादा सैलानी पहुंचे हैं। यह पिछले कई सालों के रिकॉर्ड से कहीं ज्यादा है। वाराणसी की अपनी महत्ता को ध्यान में रखते हुए लोग पहुंचते हैं आनंद की अनुभूति करते हैं। दुनिया की सबसे प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी में स्थित विश्वनाथ मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। भगवान शंकर की इस नगरी में लोग देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
साल 2024 के जनवरी से लेकर जून तक के बीच में आने वाले सैलानियों की बात करें तो वाराणसी में कुल 4 करोड़ 61 लोग पहुंचे हैं। वहीं पिछले साल 2023 में यहां पहुंचने वाले कुल सैलानियों की संख्या 8.5 करोड़ के करीब थी।
वाराणसी शहर को लेकर लोगों में आस्था और श्रद्धा देखने को मिलती है। बीते कुछ साल पहले ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना है। जिसके बाद यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही हाल में बीते देव-दीपावली के अवसर पर भी काशी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।
काशी विश्वनाथ का दर्शन करने बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं श्रद्धालु
वाराणसी शहर में स्थित काशी विश्वनाथ, काल भैरव और संकट मोचन जैसे महत्वपूर्ण धर्म से जुड़े स्थानों की वजह से यह शहर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इसके साथ ही, मोक्ष दायिनी गंगा में स्नान करने के लिए भी बड़ी संख्या में स्नानार्थी डुबकी लगाते हैं। वाराणसी को ज्ञान की नगरी भी माना जाता है, क्योंकि यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित है, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। इसके अलावा, वाराणसी से सटे यूपी और बिहार के कुछ जिलों के लोग यहां इलाज के लिए भी आते हैं।
वाराणसी के सारनाथ में गौतम बुद्ध ने अपना उपदेश दिया था, जो एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल है। यहां बड़ी संख्या में विदेशी और देशी पर्यटक पहुंचते हैं, साथ ही सारनाथ में शोध करने वाले शोधार्थी भी आते हैं। वाराणसी अयोध्या के बाद प्रदेश और देश का दूसरा सबसे ज्यादा सैलानी पहुंचने वाली जगह बन गई है। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचने की वजह से यह राज्य देश में पहले स्थान पर बना हुआ है।