कोरोना वायरस का नया बदला हुआ स्वरूप ओमिक्रॉन (Omicron Variant) कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरी दुनिया में शोध इस बात को लेकर हो रहे हैं कि क्या अभी तक दिए जाने वाले टीके इस वायरस को रोकने में सक्षम है या नहीं। क्योंकि हमारे देश में अभी तक वायरस के नए म्यूटेंट के संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके केंद्र सरकार बहुत सजग है। जल्द ही देश में कोविड टीके की अतिरिक्त डोज और बूस्टर डोज को लेकर पॉलिसी लागू हो जाएगी। उसके आधार पर इन दो अलग तरह के टीकों को लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के चेयरमैन डॉक्टर एनके अरोड़ा ने अमर उजाला डॉट कॉम से विस्तारित होने वाले टीकाकरण अभियान और वायरस के बदले स्वरूप पर बातचीत की
सवाल: कोरोना वायरस के नए म्यूटेंट ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर सरकार की क्या तैयारियां हैं?
जवाब: अभी तक अपने देश में नए म्यूटेंट का कोई भी केस सामने नहीं आया है। लेकिन जब पूरी दुनिया में इसके केस मिल रहे हैं तो हम लोगों का सचेत और सजग रहना लाजमी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए बाकायदा दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रभावित देशों से आने वाली फ्लाइट्स और उनमें संक्रमित पाए जाने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है।
सवाल: नए म्यूटेंट की गंभीरता को देखते हुए क्या टीके की बूस्टर डोज को लेकर कोई तैयारियां की जा रही हैं?
जवाब: देखिए, टीकाकरण की बूस्टर डोज और अतिरिक्त खुराक को लेकर पॉलिसी बनाई जा रही है। जल्द ही नई नीति बन जाएगी। उसी के आधार पर बूस्टर डोज और टीके की अतिरिक्त खुराक को लगाए जाने की पूरी तैयारियां की जाएंगी और उसे आगे बढ़ाया जाएगा।
सवाल: क्या यह सभी लोगों को लगाई जानी है या उसके लिए कोई विशेष मापदंड तय किए जा रहे हैं?
जवाब: जिन लोगों को अतिरिक्त खुराक दी जानी है उनके लिए निश्चित तौर पर एक क्राइटेरिया तय किया जा रहा है। उसमें वे लोग शामिल होंगे, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर टीका लगने के बाद भी कम है या कोई अन्य बीमारी होने के चलते उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी ताकतवर नहीं है। बूस्टर डोज देने के लिए यह तय किया जा रहा है कि दोनों टीके लगने के बाद कितने अंतराल में बूस्टर टीका दिया जाना चाहिए।
सवाल: बूस्टर डोज को लेकर कब तक नई पॉलिसी आ जाएगी? कब से इसका विशेष टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा?
जवाब: बहुत जल्द। सब कुछ सामान्य और ठीक रहा तो दो हफ्ते के भीतर अनुमान है।
सवाल: कुछ इंटरनेशनल मीडिया की रिपोर्ट्स में इस बात की जानकारी आ रही है कि ओमिक्रॉन म्यूटेंट पर अभी तक तैयार किया गया टीका प्रभावी नहीं है। यह कितना सही है?
जवाब: पूरी दुनिया में इसे लेकर रिसर्च चल रही है। खासतौर से उन देशों में जहां इस नए म्यूटेंट के मामले सामने आए हैं और लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। क्योंकि हमारे देश में अभी तक कोई भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके हम लोग इस पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं।
सवाल: क्या ऐसा भी हो सकता है कि वायरस के इस बदले हुए म्यूटेंट पर दुनिया भर में लगाए गए टीके प्रभावशाली न हों?
जवाब: अब देखिए, जिस तरीके से इस बदले हुए वायरस के नए वैरिएंट में एक साथ बहुत ज्यादा परिवर्तन अचानक आ रहे हैं, उसे देखते हुए अभी कुछ कहना अभी मुश्किल होगा। क्योंकि अभी तक वायरस के जितने भी स्वरूप सामने आए हैं उनमें इतना ज्यादा परिवर्तन नहीं होता था। लेकिन इस बदले हुए वायरस के स्वरूप में परिवर्तन ज्यादा हो रहा है। इसलिए यह शोध का विषय है कि क्या दिए गए टीके इस म्यूटेंट पर प्रभावशाली होंगे या नहीं।
सवाल: अब केस बहुत कम आ रहे हैं, लेकिन लोगों में डर है कि यही वायरस तीसरी लहर लेकर आएगा।
जवाब: निश्चित तौर पर मामले कम आ रहे हैं। यह एक अच्छी बात है। लेकिन हमें अभी स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और ट्रैसिंग और बढ़ानी होगी। लेकिन अभी भी हमें बहुत सचेत और सजग रहना होगा। इस वायरस से बचाव को लेकर जो तरीके बताए गए हैं, उनका हमें पालन करना होगा। रही बात इस वायरस से तीसरी लहर के खतरे की, तो हमें घबराने की जरूरत नहीं है। अभी शोध जारी है कि क्या यह वायरस वास्तव में बहुत खतरनाक है या नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई संस्थान इस पर अभी शोध कर रहे हैं। इसलिए यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या यह वायरस उतना ही खतरनाक है जितना बताया जा रहा है।