उत्तर प्रदेश की नई उड़ान: विकास, विरासत और पहचान की सशक्त कहानी

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गोरखपुर, 19 अप्रैल 2025, शनिवार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में एक जोशीले और प्रेरक भाषण में विपक्ष पर तीखा हमला बोला, साथ ही प्रदेश की विकास यात्रा को नए आयामों के साथ प्रस्तुत किया। रामगढ़ताल के एक होटल में आयोजित ‘उत्सव अभिव्यक्ति का’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कुछ लोग, जिनके मन में तानाशाही और अधिनायकवादी भाव बस्ता है, न तो विकास को फलते-फूलते देखना चाहते हैं और न ही ‘सबका साथ-सबका विकास’ की भावना को स्वीकार करते हैं। ये लोग सिर्फ अपने और अपने परिवार के हित साधते हैं, जबकि डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बना दिया है।

पहचान के संकट से सशक्त पहचान तक

मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी नीतियों ने उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू’ राज्य की छवि दी। किसानों की आत्महत्याएं, गरीबों की भुखमरी, महिलाओं और व्यापारियों की असुरक्षा, और प्रदेश की बदनामी उस दौर की काली सच्चाई थी। उन्होंने एक मार्मिक वाकया सुनाया कि 2013 में यूपी के एक मंत्री को विदेश में अपमान सहकर बैरंग लौटना पड़ा था, क्योंकि यूपी की छवि इतनी धूमिल थी कि वहां के जिलों के नाम पर धर्मशालाओं में कमरे तक नहीं मिलते थे। लेकिन आज तस्वीर बदल चुकी है। यूपी अब विकास और विरासत का शानदार मॉडल है। 2017 में 12.75 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था आज 30 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है, और प्रति व्यक्ति आय 46 हजार से बढ़कर 1.10 लाख रुपये हो गई है।

‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ से ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ तक

सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने हर जिले को माफिया सौंपा, लेकिन उनकी सरकार ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज’ जैसे अभियानों से यूपी की साख को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आज यूपी में 6 एक्सप्रेसवे चालू हैं, 7 पर काम चल रहा है। मेट्रो ट्रेन 6 शहरों में दौड़ रही है, और देश का सबसे बड़ा हाइवे नेटवर्क यहीं है। पहली रैपिड रेल और इनलैंड वाटरवे की शुरुआत भी यूपी की देन है।

गोरखपुर: माफिया और मच्छर से शिक्षा-स्वास्थ्य का केंद्र

गोरखपुर की बात करते हुए योगी ने गर्व के साथ कहा कि कभी माफिया, मलेरिया और इंसेफेलाइटिस का पर्याय रहा यह शहर आज शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और रोजगार का केंद्र बन चुका है। युवाओं का पलायन रुक गया है, और गोरखपुर अब अपनी सशक्त पहचान के साथ देश-दुनिया में चमक रहा है।

महाकुंभ 2025: प्रयागराज की नई पहचान

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज के महाकुंभ 2025 का जिक्र करते हुए कहा कि 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने इस आयोजन की भव्यता और सुव्यवस्था को देखा। एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई, जो यूपी की कानून व्यवस्था और आतिथ्य की ताकत को दर्शाता है। प्रयागराज अब माफिया से नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से जाना जाता है।

मीडिया: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ

मुख्यमंत्री ने मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपातकाल में जब संवैधानिक संस्थाओं पर हमले हुए, तब मीडिया ने खाली पन्ने छापकर अपनी आवाज बुलंद की। आज डिजिटल और सोशल मीडिया के दौर में चुनौतियां बढ़ी हैं, लेकिन सिद्धांतों पर अडिग रहकर मीडिया को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सिद्धांतहीन व्यक्ति या संगठन समाज के लिए समस्या बन जाते हैं।

विकसित भारत का सपना

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि भारत 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और अगले दो साल में यह तीसरे स्थान पर होगा। 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने के लिए सभी को मिलकर चुनौतियों का सामना करना होगा।

सबका साथ-सबका विकास: नारा नहीं, सामर्थ्य का मंत्र

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ सिर्फ नारा नहीं, बल्कि सामर्थ्य का मंत्र है। उनकी सरकार ने मुसहर, वनटांगिया, थारू जैसे वंचित समुदायों को जमीन, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और पेंशन देकर मुख्यधारा में लाया। आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, 10 करोड़ को स्वास्थ्य सुरक्षा, और 4 करोड़ को आवास मिल रहा है। यह इच्छाशक्ति का परिणाम है, जो पहले की सरकारों में नहीं थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संबोधन न केवल उत्तर प्रदेश की विकास गाथा का बखान था, बल्कि एक सशक्त और आत्मविश्वास से भरे यूपी का आह्वान भी था। गोरखपुर से लेकर प्रयागराज तक, यूपी अब माफिया, बीमारी और बदनामी की छाया से बाहर निकलकर विकास, विरासत और समृद्धि का प्रतीक बन चुका है। यह कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है जो बदलाव में विश्वास रखता है।

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