लखनऊ, 19 जून 2025: उत्तर प्रदेश में घरेलू बिजली की दरों में प्रस्तावित वृद्धि ने सियासी हलचल तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिजली की दरों को बढ़ाकर ₹9 प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) को भेजा है। इस प्रस्ताव के सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर तीखा हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने इस प्रस्ताव को जनता के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि बीजेपी सरकार महंगाई और बेरोजगारी को बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने अपने आधिकारिक बयान और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव उद्योग और निवेश को प्रदेश से दूर करेगा। यह सरकार की पारदर्शिता और नीतिगत विफलता का परिणाम है।” उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सरकार ने बिजली उत्पादन और बुनियादी ढांचे में कोई नई पहल नहीं की, जिसके कारण उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है।
सपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने उनके शासनकाल में स्थापित बिजली संयंत्रों के अलावा कोई नया उत्पादन नहीं किया। उन्होंने कहा, “यूपी में बिजली की आपूर्ति आज भी सपा सरकार के बनाए संयंत्रों पर निर्भर है। वर्तमान सरकार की कुप्रबंधन के कारण बिजली विभाग दबाव में है और जनता को महंगी बिजली थोपी जा रही है।”
प्रस्तावित दरों का विवरण
यूपीपीसीएल के प्रस्ताव के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों को ₹6.50 प्रति यूनिट से बढ़ाकर ₹9 प्रति यूनिट करने की योजना है। यह वृद्धि विभिन्न खपत स्लैब पर लागू होगी, जिससे विशेष रूप से मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी दरों में बढ़ोतरी का प्रावधान है, जो उद्योग जगत में चिंता का विषय बन गया है।
सियासी घमासान तेज
इस प्रस्ताव ने यूपी में सियासी माहौल को और गरमा दिया है। अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने फिर से दोहराया। उन्होंने कहा, “अगर सपा की सरकार बनी, तो हम 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देंगे और उसके बाद की खपत पर सस्ती दरें सुनिश्चित करेंगे।”
वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा के शासनकाल में बिजली आपूर्ति अनियमित थी और दरें भी बढ़ाई गई थीं। यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दावा किया कि योगी सरकार ने पिछले सात वर्षों में बिजली आपूर्ति में सुधार किया है और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे व शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है।
उपभोक्ताओं की चिंता
प्रस्तावित दर वृद्धि से उपभोक्ता परेशान हैं। लखनऊ के एक उपभोक्ता ने कहा, “पहले ही महंगाई ने कमर तोड़ रखी है। अगर बिजली ₹9 प्रति यूनिट हो गई, तो मासिक खर्च और बढ़ जाएगा।” वहीं, व्यापारी संगठनों ने भी इस वृद्धि का विरोध शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि इससे छोटे व्यवसायों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।