नई दिल्ली, 3 मई 2025, शनिवार। नई दिल्ली में हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की प्रगति का जायजा लिया गया। यह बैठक भारत की सहकारी संस्थाओं को वैश्विक मंच पर स्थापित करने और किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2023 में स्थापित ये तीनों राष्ट्रीय सहकारी संस्थाएं ‘Whole of the Government’ दृष्टिकोण के साथ छत्र संगठन के रूप में कार्य कर रही हैं, जो सहकारी निर्यात, जैविक उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
NCEL: वैश्विक बाजार में सहकारी निर्यात की नई ऊंचाइयां
अमित शाह ने NCEL को सहकारी चीनी मिलों से चीनी, त्रिपुरा के सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज के निर्यात के लिए नए अवसर तलाशने का निर्देश दिया। खाड़ी देशों में ताजी सब्जियों और विशेष आलू किस्मों के लिए बड़ी कंपनियों के साथ साझेदारी की संभावनाओं पर भी जोर दिया गया। NCEL के लिए ₹2 लाख करोड़ के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें तीन विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर उन्हें वैश्विक बाजार में लाने की योजना है।
NCEL ने अपने पहले वर्ष में ही उल्लेखनीय प्रगति की है। 10,000 से अधिक सहकारी संस्थाओं को सदस्यता देकर और ₹4,283 करोड़ का कारोबार कर ₹122 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया गया। बासमती चावल, झींगा, मोटे अनाज, मसाले और फल-सब्जियों जैसे उत्पादों के साथ NCEL ने 28 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। सेनेगल, इंडोनेशिया और नेपाल के 61 आयातकों के साथ रणनीतिक समझौते इसकी वैश्विक पहुंच को और मजबूत करते हैं। शाह ने अफ्रीका और म्यांमार में NCEL के कार्यालय स्थापित करने और एक समर्पित वेबसाइट विकसित करने का सुझाव दिया, ताकि सहकारी सदस्य वैश्विक मांग को समझ सकें और अपनी आपूर्ति क्षमता बढ़ा सकें।
NCOL: ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ के साथ जैविक क्रांति
NCOL ने ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ ब्रांड के तहत जैविक उत्पादों को न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार में भी पहचान दिलाई है। अमूल और बिगबास्केट जैसे बड़े ब्रांडों को आपूर्ति के साथ-साथ जल्द ही रिलायंस स्टोर्स में भी इसके उत्पाद उपलब्ध होंगे। दिल्ली-एनसीआर में 22 उत्पाद, जैसे अनाज, दालें, मसाले और मिठास, पहले से ही लोकप्रिय हो चुके हैं, और इन्हें प्रमुख महानगरों में लॉन्च करने की योजना है।
NCOL ने 7,000 से अधिक सहकारी संस्थाओं को जोड़ा और 1,200 मीट्रिक टन से अधिक उत्पादों का लेनदेन किया, जिसका कुल कारोबार ₹10.26 करोड़ रहा। इसकी खासियत है हर उत्पाद बैच की कीटनाशक अवशेष जांच, जिसकी रिपोर्ट QR कोड के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाती है। यह ग्राहक-उन्मुख पहल उद्योग में अपनी तरह की पहली पहल है। शाह ने NCOL को वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹300 करोड़ से अधिक के कारोबार का लक्ष्य दिया और राज्य स्तर पर प्रमाणित जैविक किसानों के समूह बनाने का निर्देश दिया।
BBSSL: बीज क्रांति के साथ कृषि का भविष्य
अमित शाह ने BBSSL को भारत के बीज पारिस्थितिकी तंत्र का आधार स्तंभ बताते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया। गुजरात के कलोल में स्थापित अत्याधुनिक बीज अनुसंधान केंद्र अरहर, उड़द, मक्का जैसी फसलों की उच्च उपज, कम परिपक्वता और कम जल आवश्यकता वाली किस्मों के विकास में जुटा है। शाह ने उच्च चीनी मात्रा और कम जल आवश्यकता वाली गन्ना किस्मों पर काम करने, साथ ही फ्रेंच फ्राइज के लिए विशेष आलू बीज उत्पादन को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
केला उत्पादक शीर्ष 10 राज्यों के लिए उच्च आनुवंशिक क्षमता वाले पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टिशू कल्चर सुविधा की स्थापना को अति-आवश्यक बताया गया। NDDB और अमूल के नेटवर्क के माध्यम से लचका चारा फसल के बीज विकसित करने का भी सुझाव दिया गया। शाह ने कृषि मंत्रालय के साथ समन्वय कर ब्रीडर बीजों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सहकारिता से समृद्धि की ओर
अमित शाह ने इन तीनों संस्थाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया कि नवाचार, गुणवत्तापूर्ण इनपुट्स और संस्थागत समर्थन के जरिए कृषि सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाया जाएगा। NCEL, NCOL और BBSSL न केवल भारत के सहकारी क्षेत्र को नई दिशा दे रहे हैं, बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में भी अग्रसर हैं। यह सहकारिता के नए युग का सूत्रपात है, जो ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को साकार कर रहा है।