अमेरिकी सरकार के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा है कि यहां अगले साल बसंत से पहले कोरोना वायरस महामारी के हालात सामान्य होने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी स्थिति कैसी होगी यह इस बात पर निर्भर करेगा है कि कितने लोगों का टीकाकरण हो गया है।
अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के शीर्ष विशेषज्ञ डॉ. फॉसी ने चेतावनी दी है कि स्थिति अगले साल बसंत तक स्थिति नियंत्रण में आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हम टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाएं और अधिक से अधिक आबादी को इस महामारी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करें।
डॉ. फॉसी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी एफडीए ने हाल ही में फाइजर के टीके को पूर्ण अनुमति दे दी है। एक आंकड़े के अनुसार अमेरिका में अगस्त में रोजाना चार लाख लोगों को टीके लगाए गए। यहां 17 करोड़ 11 लाख लोगों को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
डेल्टा स्ट्रेन ने बढ़ाया अमेरिकी का संकट
कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में इस बीमारी के मामलों में आई हालिया तेजी का प्रमुख कारण बना है। वहीं, अस्पतालों में भर्ती होने वाले और इस बीमारी से मरने वाले लोगों में अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था। डॉ. फॉसी ने कहा, ये हम पर है कि स्थिति कैसी होती है।
पहले कही थी पतझड़ तक असर की बात
इससे पहले एनपीआर (नेशनल पब्लिक रेडियो) से बात करते हुए डॉ. फॉसी ने कहा था कि स्थिति 2022 में पतझड़ के मौसम तक नियंत्रण में आ सकती है। लेकिन सीएनएन के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने जब टेप सुना तो पता चला कि मैं गलत बोल गया था, मैं बसंत कहना चाहता था।
फाइजर के टीके को अनुमति अच्छा कदम
इसके साथ ही डॉ. फॉसी ने उम्मीद जताई कि फाइजर के कोरोना रोधी टीके को अनुमति दिए जाने के बाद अब देश में टीकाकरण की रफ्तार में तेजी आएगी। उल्लेखनीय है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका की करीब आधी जनसंख्या को अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं मिली है।