खरगोन, 8 जून 2025, रविवार: मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल देखकर लगता है, जैसे कोई सस्पेंस थ्रिलर चल रहा हो, जिसमें ट्विस्ट पर ट्विस्ट आ रहे हैं! खरगोन जिले के कसरावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने तो लापरवाही की सारी हदें पार कर दीं। यहां मरीजों कीमती जांच के लिए न तो कोई हाईटेक लैब है, ना ही साफ-सुथरे कंटेनर। बल्कि, यूरिन सैंपल लेने के लिए चाय के डिस्पोजल कप थमा दिए जा रहे हैं! जी हां, वही कागज के कप, जिनमें लोग चाय की चुस्कियां लेते हैं!
चाय का कप या यूरिन का जार?
कसरावद के इस सरकारी अस्पताल में मरीजों की सेहत के साथ खुलेआम मजाक हो रहा है। महीनों से कर्मचारी मरीजों से यूरिन सैंपल चाय के डिस्पोजल कप में भरवा रहे हैं। अब इन कागजी कपों में सैंपल गिरने का डर तो है ही, ऊपर से ये बदल भी सकते हैं। और हां, जांच का रिजल्ट? वो तो पूरी तरह “भगवान भरोसे”! ऐसी रिपोर्ट के आधार पर दी जाने वाली दवाइयां कितनी कारगर होंगी, ये तो आप खुद ही समझ सकते हैं।
लापरवाही की खुली पोल
इस अजब-गजब व्यवस्था ने अस्पताल प्रबंधन की पोल खोल दी है। मरीजों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उनका कहना है कि चाय के कप में सैंपल लेने से जांच की सटीकता पर सवाल उठते हैं। वहीं, अस्पताल के प्रभारी बीएमओ का बहाना है कि जिला स्टोर में सामग्री की कमी है, जिसके चलते छोटे प्लास्टिक कंटेनर नहीं मिले। लेकिन वो जल्द ही “क्रांतिकारी” सुधार का वादा कर रहे हैं।
कहां गए सैंपल कंटेनर?
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि हर अस्पताल को साफ-सफाई और सटीक जांच के लिए प्लास्टिक के छोटे कंटेनर दिए जाते हैं। लेकिन कसरावद स्वास्थ्य केंद्र की लैब में तो चाय के डिस्पोजल कप ही “सुपरस्टार” बने हुए हैं। स्टैंड पर रखे इन कपों में चाय नहीं, मरीजों के यूरिन सैंपल शोभा दे रहे हैं।
लोगों का फूटा गुस्सा
स्थानीय लोग इस लापरवाही से तिलमिलाए हुए हैं। उनका आरोप है कि अस्पताल में न तो डॉक्टर समय पर मिलते हैं, न ही बिजली कटने पर जनरेटर काम करता है। सोलर पैनल की बैटरियां खराब हैं और ऊपर से अनावश्यक खरीदारी के भी गंभीर इल्जाम लग रहे हैं।
अधिकारी बोले- “एक्शन लेंगे!”
खरगोन के सीएमएचओ एम.एस. सिसोदिया ने इस हास्यास्पद मामले पर नोटिस जारी करने की बात कही है। उनका कहना है कि चाय के कप में सैंपल लेना पूरी तरह गलत है और इसे तुरंत रोका जाएगा। अगर कंटेनर की कमी है, तो जल्द ही अस्पताल को सप्लाई दी जाएगी।