वाराणसी, 7 जुलाई 2025: रिलीज से पहले ही फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ विवादों के घेरे में आ गई है। वाराणसी के मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उनका दावा है कि 11 जुलाई को रिलीज होने वाली यह फिल्म सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकती है और शहर की शांति व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती है।
मौलाना नोमानी ने पत्र में कहा है कि फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के सर्वे के आधार पर बनाई गई है, जिसमें सर्वे के दृश्य भी शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की गई है और इसमें भड़काऊ व आपत्तिजनक सामग्री है, जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। खास तौर पर, फिल्म में पैगंबर हजरत मोहम्मद के संदर्भ में आपत्तिजनक बातें और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े झूठे दृश्य दिखाए जाने का दावा किया गया है।

मौलाना ने यह भी चिंता जताई कि ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी जिला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में इस फिल्म का रिलीज होना सांप्रदायिक तनाव को भड़का सकता है। विशेष रूप से सावन और जुम्मा की नमाज के दिन रिलीज की तारीख को लेकर भी उन्होंने आपत्ति दर्ज की है। उनका कहना है कि फिल्म का ट्रेलर और प्रचार सामग्री स्पष्ट रूप से भड़काऊ है, जो सामाजिक सौहार्द और कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।
पुलिस कमिश्नर को सौंपे पत्र में मौलाना ने पांच प्रमुख आपत्तियां उठाई हैं:
- ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े झूठे और भड़काऊ दृश्य व संवाद।
- पैगंबर हजरत मोहम्मद के संदर्भ में आपत्तिजनक सामग्री।
- समानता के अधिकार का उल्लंघन।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना।
- सावन और जुम्मा के दिन रिलीज से कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा।
मौलाना ने मांग की है कि फिल्म के निर्माता, निर्देशक और प्रदर्शकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, जिला प्रशासन से शहर में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। इस विवाद ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना वाराणसी जैसे संवेदनशील शहर में हमेशा से प्राथमिकता रहा है।