N/A
Total Visitor
27.1 C
Delhi
Thursday, July 31, 2025

वाराणसी में हत्या के बाद हंगामा: 80 दिन पहले लापता युवक का कंकाल बरामद, पुलिस की लापरवाही पर हाईकोर्ट की फटकार

वाराणसी, 20 जून 2025, शुक्रवार। वाराणसी में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने शुक्रवार को शहर को हिलाकर रख दिया। ढाई महीने पहले लापता हुए 21 वर्षीय शशांग की हत्या के विरोध में परिजनों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। शिवपुर थाने पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने सड़क जाम कर हंगामा किया और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। पुलिस की निष्क्रियता और हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।

क्या है पूरा मामला?

31 मार्च 2025 को वाराणसी के शिवपुर निवासी शशांग का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। शशांग के भाई नितेश ने 3 अप्रैल को थाने में FIR दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। हारकर नितेश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 4 जून को हुई पहली सुनवाई में कोर्ट ने वाराणसी पुलिस आयुक्त को 7 जून तक विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया। लेकिन 12 जून की सुनवाई में जब पुलिस खाली हाथ कोर्ट पहुंची, तो हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने यूपी के डीजीपी को 9 जुलाई तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

पैसे के लेनदेन में गई जान

पुलिस के मुताबिक, शशांग की हत्या पैसे के लेनदेन को लेकर की गई। संदेह है कि अपहरण के अगले ही दिन उसकी हत्या कर दी गई थी। एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने शशांग का कंकाल बरामद किया। इस खुलासे ने परिजनों का गुस्सा और भड़का दिया।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

4 जून को जस्टिस जेजे मुनीर और अनिल कुमार की खंडपीठ ने पुलिस की कार्यशैली पर तीखा प्रहार किया। कोर्ट ने कहा, “अगर अपहृत व्यक्ति को समय पर नहीं बचाया जाता और उसकी हत्या हो जाती है, तो संबंधित पुलिस अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।” कोर्ट ने पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकारी अपनी छवि चमकाने में व्यस्त रहते हैं, लेकिन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते।
12 जून को जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और हरवीर सिंह की खंडपीठ ने पुलिस की नाकामी पर फिर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, “31 मार्च से युवक लापता है, FIR दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया।” कोर्ट ने यूपी डीजीपी राजीव कृष्णा को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का आदेश दिया।

पुलिस पर उठे सवाल

शशांग की हत्या और पुलिस की ढिलाई ने शिवपुर थाने के थानेदार से लेकर आला अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस समय पर सक्रिय होती, तो शायद शशांग की जान बच सकती थी। हंगामे के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा किया है, लेकिन परिजन सभी दोषियों को सजा दिलाने की मांग पर अड़े हैं।

आगे क्या?

हाईकोर्ट की सख्ती और परिजनों के आक्रोश के बीच यह मामला अब और गर्माने की ओर है। वाराणसी पुलिस पर दबाव बढ़ गया है कि वह बाकी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर मामले को सुलझाए। शहरवासियों की नजरें अब 9 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं, जब डीजीपी को कोर्ट में जवाब देना होगा।

यह घटना न केवल वाराणसी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी चेतावनी देती है कि लापरवाही की कीमत एक बेकसूर की जान से चुकानी पड़ सकती है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »