लखनऊ, 19 अप्रैल 2025, शनिवार। उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने अपराध की दुनिया में सनसनी मचाने वाले माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्शा अंसारी सहित 29 इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए कमर कस ली है। इन बदमाशों की धरपकड़ के लिए यूपी पुलिस ने 15 दिनों का विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें हर बदमाश की लोकेशन तलाशने और उनकी गिरफ्तारी के लिए दो-दो टीमें तैनात की गई हैं। इस अभियान की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सर्कल ऑफिसर्स (सीओ) को सौंपी गई है, जो हर कदम पर नजर रख रहे हैं। यह अभियान न केवल अपराधियों को पकड़ने का लक्ष्य रखता है, बल्कि उनके सहायकों पर भी शिकंजा कसने की रणनीति पर काम कर रहा है।
आफ्शा अंसारी: भगोड़ा घोषित, 1 लाख का इनाम
आफ्शा अंसारी, जो माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी हैं, इस सूची में सबसे ऊपर हैं। गाजीपुर और मऊ पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है। आफ्शा पर दोनों जिलों से 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित है, यानी कुल 1 लाख रुपये का इनाम उनकी गिरफ्तारी के लिए रखा गया है। कई सालों से फरार चल रही आफ्शा ने अपने पति मुख्तार अंसारी की मौत के समय भी सार्वजनिक रूप से कोई उपस्थिति दर्ज नहीं की थी। सूत्रों के मुताबिक, आफ्शा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसके चलते पुलिस उनकी तलाश में दिन-रात जुटी है।
29 इनामी बदमाश: गाजीपुर से बिहार तक फैला नेटवर्क
पुलिस ने जिन 29 इनामी बदमाशों की सूची जारी की है, उनमें गाजीपुर के 18, आजमगढ़ और मऊ के एक-एक, बलिया के चार और बिहार के पांच बदमाश शामिल हैं। इनमें से चार बदमाशों—आफ्शा अंसारी, अंकित राय, प्रहलाद गोंड और करमेश गोंड—पर 50 हजार रुपये का इनाम है, जबकि बाकी 25 बदमाशों पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। इन बदमाशों पर हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं, और इनका नेटवर्क यूपी से लेकर बिहार तक फैला हुआ है।
दोहरी रणनीति: पुलिस की विशेष टीमें और प्रोफाइलिंग
इस अभियान की खासियत है पुलिस की दोहरी रणनीति। प्रत्येक बदमाश को पकड़ने के लिए दो टीमें गठित की गई हैं। पहली टीम में एक दारोगा, एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल शामिल हैं, जो ग्राउंड लेवल पर तलाशी और गिरफ्तारी में जुटे हैं। दूसरी टीम स्पेशल ऑपरेशनल टीम है, जिसमें सर्विलांस और स्वाट यूनिट के विशेषज्ञ अफसर शामिल हैं। ये टीमें दिन-रात बदमाशों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और उनके ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं।
इसके साथ ही, पुलिस ने सभी 29 बदमाशों की डिटेल्ड प्रोफाइल तैयार करने का काम शुरू किया है। इस प्रोफाइल में बदमाशों की आपराधिक गतिविधियों, उनके सहायकों, और उनके संभावित ठिकानों की जानकारी शामिल है। गाजीपुर के एसपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि इस प्रोफाइलिंग का मकसद न केवल बदमाशों को पकड़ना है, बल्कि उनके नेटवर्क को ध्वस्त करना और उनके मददगारों पर भी कार्रवाई करना है।
15 दिन का विशेष अभियान: पुलिस के सामने बड़ी चुनौती
गाजीपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने इस अभियान को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि 15 दिनों के भीतर सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है। पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय किया है और आम जनता से भी सहयोग की अपील की है। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखने और इनाम की राशि देने का आश्वासन दिया गया है।
हालांकि, 29 इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए आसान नहीं है। इन बदमाशों का आपराधिक इतिहास और उनका व्यापक नेटवर्क पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। खासकर आफ्शा अंसारी, जो कई सालों से फरार हैं, उनकी लोकेशन का पता लगाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी टास्क है।
कानून-व्यवस्था की चुनौती पर पुलिस का जोर
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है। गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और बलिया जैसे जिलों में अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनके गैंग के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। आफ्शा अंसारी की गिरफ्तारी इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
पुलिस की नजर, बदमाशों पर शिकंजा
गाजीपुर पुलिस का यह विशेष अभियान न केवल अपराधियों के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि यूपी पुलिस अपराध के खिलाफ कितनी सख्ती से काम कर रही है। आफ्शा अंसारी सहित 29 इनामी बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस की यह मुहिम क्या रंग लाएगी, यह तो आने वाले दिन बताएंगे। लेकिन इतना तय है कि इस अभियान से अपराध की दुनिया में हलचल मच गई है, और पुलिस का शिकंजा हर पल और सख्त हो रहा है।