6 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि इस बार देशी व विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस ई-लॉटरी के माध्यम से दिए जाएंगे। इसके तहत पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। नई आबकारी नीति से शराब कारोबार को पारदर्शी बनाने और सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
कैबिनेट के प्रमुख फैसले
ई-लॉटरी से लाइसेंस आवंटन : इस बार पुराने लाइसेंस नवीनीकरण की जगह ई-लॉटरी के जरिए नए लाइसेंस दिए जाएंगे।
कंपोजिट दुकानों की शुरुआत : पहली बार प्रदेश में देशी- विदेशी शराब और बीयर की एक साथ बिक्री के लिए कंपोजिट दुकानों के लाइसेंस जारी होंगे।
लाइसेंस शुल्क : प्रीमियम रिटेल दुकानों का नवीनीकरण 25 लाख रुपये वार्षिक शुल्क पर होगा। अन्य लाइसेंसों की फीस में बदलाव नहीं किया गया है।
लाइसेंस की सीमा : कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेगी।
छोटी बोतलों की बिक्री : पहली बार 60 एमएल और 90 एमएल की विदेशी शराब की बोतलों की बिक्री की अनुमति दी गई है।
भांग की दुकानों की लाइसेंस फीस : 10% की वृद्धि की गई है।
डिजिटल भुगतान और सीसीटीवी अनिवार्य : सभी फुटकर दुकानों पर डिजिटल भुगतान की सुविधा और सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।
ई-लॉटरी प्रक्रिया : तीन चरणों में होगी, इसके बाद ई-टेंडर के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा।
मॉल्स में शराब की दुकानें : मॉल्स के मल्टीप्लेक्स क्षेत्र में प्रीमियम ब्रांड की दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन हवाई अड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर इन्हें स्थापित किया जा सकेगा।
राजस्व लक्ष्य बढ़ा, दुकानें खुलने का समय पुराना
सरकार ने इस नीति के जरिए 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4,000 करोड़ रुपये अधिक है। दुकानों के संचालन समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है, वे पूर्व की तरह सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुलेंगी।