लखनऊ, यूपी विधानसभा में गुरुवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी सरकार का नौवां बजट पेश किया। यह दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट है, जिसमें इस बार आवारा पशुओं की समस्या के समाधान पर विशेष ध्यान दिया गया है। विपक्ष द्वारा लगातार इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद वित्त मंत्री ने घोषणा की कि छुट्टा गोवंश की पहचान के लिए टैगिंग योजना लागू की जाएगी। इसके रख-रखाव के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 12,50,000 गो-वंश 7713 गोआश्रय स्थलों में संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत 1,63,000 गो-वंश सुपुर्द किए गए हैं। वृहद गो संरक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए 140 करोड़ रुपये तथा पशु चिकित्सालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु 123 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
भारत विश्व में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है, और उत्तर प्रदेश इसमें अग्रणी राज्य है। दुग्ध व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत 203 करोड़ रुपये तथा दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण हेतु 107 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मत्स्य पालन को बढ़ावा
बजट में मत्स्य पालन को भी बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पुरुष लाभार्थियों को 195 करोड़ रुपये और महिला लाभार्थियों को 115 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एकीकृत एक्वा पार्क मार्केट के निर्माण के लिए 190 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
कृषि क्षेत्र में नई योजनाएँ
कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक और जिला सहकारी बैंकों के आधुनिकीकरण हेतु 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए 525 करोड़ रुपये तथा रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण हेतु 170 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में दलहनी एवं तिलहनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि के लिए निःशुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश बीज स्वावलंबन नीति 2024 के तहत सीड पार्क विकास परियोजना के लिए 251 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 124 करोड़ रुपये तथा पीएम कुसुम योजना के तहत सौर पंपों की स्थापना हेतु 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
कृषि शिक्षा और अनुसंधान को मजबूती
कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये तथा विश्व बैंक सहायता प्राप्त यूपी एग्रीज परियोजना के लिए भी 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में पाँच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं, और 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है। कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
यह बजट किसानों, पशुपालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।