वाराणसी, 4 मार्च 2025, मंगलवार। वाराणसी में रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन 11 मार्च को मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म की होली दोपहर 12 से 2 तक खेली जाएगी। यह एक अनोखी और प्राचीन परंपरा है, जिसमें बाबा विश्वनाथ के साथ साधु-अघोरी भस्म की होली खेलते हैं।
इस कार्यक्रम में भगवान के स्वरूप में कोई कलाकार नहीं शामिल होगा, इसको लेकर आयोजकों ने विशेष अपील की है। सबसे पहले बाबा मसान नाथ की भव्य आरती होगी और उसके बाद चिता भस्म होली की शुरुआत होगी। इस कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
बाबा महाश्मसान नाथ मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने बताया कि पिछले 24 वर्षों से इस परम्परा को भव्य रूप से मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि काशी में यह मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गौना (विदाई) करा कर अपने धाम काशी लाते हैं जिसे उत्सव के रूप में काशीवाशी मनाते है और रंग का त्योहार होली का प्रारम्भ माना जाता है। उसके ठीक एक दिन बाद बाबा विश्वनाथ चीता भस्म की होली खेलने मशान आते हैं।