वाराणसी, 21 दिसंबर 2024, शनिवार। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने अपने विभिन्न डिपार्टमेंट का कचरा बेचकर आठ करोड़ रुपये कमा लिए हैं। यह कचरा कई साल से रखे गए बेकार उपकरणों और अन्य सामग्री का था, जिसे हटाकर लगभग 50 हजार वर्ग फीट की जगह को लैब और विभागों के कचरे से मुक्त कराया गया।
इस कचरे को स्क्रैप में बेचने से लगभग 4 करोड़ की कमाई हुई। इसमें 10 साल पहले कंडम हो चुकी पुरानी एंबेसडर कार भी शामिल थी। यह एक अनोखा प्रयास है, जिससे न केवल विश्वविद्यालय को आर्थिक लाभ हुआ, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करने में मदद मिली।
बीएचयू ने बीते तीन साल में अपनी आय में लगभग 50-60 प्रतिशत की वृद्धि की है। 2020 में 1414 करोड़ के मुकाबले 2024 में 2293 करोड़ की आय हुई। यह वृद्धि सरकारी ग्रांट, रेंट, ट्यूशन फीस और डोनेशन की रकम को बढ़ाने से हुई है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने दुकानों के बकाया रेंट, बिजली के बिल, हॉस्टल फीस को रिकवर कराया और कैंपस में दुकानों के रेट बढ़ाए गए। इससे पहले किराये से छह से सात करोड़ रुपये की आय होती थी, लेकिन 2023-24 में 16 करोड़ की आय हुई।
डोनेशन में भी वृद्धि हुई है, जो बीते तीन साल में करीब पांच गुना तक बढ़ा है। 80 लाख से पौने चार करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी।