वाराणसी में पहली बार महागिरजा में क्रिसमस गांव का आयोजन: आकर्षक सजावट और लेजर शो के साथ क्रिसमस की धूम!
वाराणसी का चर्च हर तरफ से एक जैसा दिखता है
वाराणसी, 21 दिसंबर 2024, शनिवार। बनारस में पहली बार महागिरजा में क्रिसमस गांव बसाया जा रहा है, जो प्रभु यीशु के जन्म के दृश्य से लेकर उनके जीवन की हर खुशियों के पल को समेटा गया है। इस क्रिसमस विलेज में परियां, सेंटा क्लाज के अलावा ऊंट, भेंड़, हिरन से लेकर पेड़-पौधे, तारे आदि दिखेंगे। इसके अलावा, लेजर शो के जरिये प्रभु यीशु के जन्म की झांकी सजाई जाएगी। चर्च के फादर अगस्टीन ने बताया कि पहली बार यहां क्रिसमस विलेज बसाया जा रहा है, जिसमें प्रभु यीशु के जीवन दर्शन को दिखाया जाएगा।
क्रिसमस की तैयारियों में जुटे कोलकाता के कारीगर
इस क्रिसमस विलेज में 20 फीट का क्रिसमस ट्री भी बनाया गया है, जो आकर्षक सजावट के साथ सजाया गया है। इसके अलावा, कठपुतली नृत्य का आयोजन भी किया जाएगा, जो प्रभु यीशु के जीवन की कहानी को दर्शाएगा। वाराणसी के अन्य चर्चों में भी आकर्षक सजावट की गई है, जिनमें लाल चर्च, सिगरा सेंट पॉल चर्च, सीएनआई चर्च तेलियाबाग, सेंट थॉमस चर्च गिरजाघर, बीएलडब्ल्यू, लंका, शिवपुर, चांदमारी आदि इलाकों के चर्च शामिल हैं। इन चर्चों में क्रिसमस की सजावट के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं, जिनमें रंग-बिरंगे फूल, रोशनी, और अन्य सजावटी सामग्री का उपयोग किया गया है। यह क्रिसमस की सजावट वाराणसी के लोगों के लिए एक आकर्षक और यादगार अनुभव प्रदान करेगी।
गिरजाघर में बसाया जा रहा गांव
वाराणसी का अनोखा चर्च: सनातन धर्म की संस्कृति का अद्भुत संगम!
वाराणसी के कैंटोमेंट क्षेत्र में स्थित सेंट मैरिज महा गिरजाघर एक अनोखा और आकर्षक चर्च है, जो अपनी विशेष वास्तुकला और सनातन धर्म से जुड़े चिह्नों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस चर्च की दीवारों में पीतल के धातु से बड़े-बड़े अक्षरों में श्लोक लिखे गए हैं, जो इसकी सुंदरता और महत्व को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, चर्च की दीवारों पर सनातन धर्म से जुड़े कई चिह्न भी हैं, जो इस चर्च को और भी अनोखा बनाते हैं।
गिरजाघर में बसाई गई आकर्षक झांकी
फादर ने बताया कि यह चर्च अष्टकोणीय वास्तुकला पर बनाया गया है, जो सभी दिशाओं से देखने में एक जैसा ही लगता है। यह वास्तुकला दक्षिण भारत में कई मंदिरों में देखी जा सकती है। केरल के एक आर्किटेक्ट ने इसके डिजाइन को तैयार किया था। इस चर्च का इतिहास अंग्रेजों से जुड़ा हुआ है, और यहां सभी धर्मों के लोग प्रार्थना करने आते हैं। यह चर्च वाराणसी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यहां आने वाले लोगों को इसकी सुंदरता और महत्व का अनुभव करने का अवसर मिलता है।
चर्च में आकर्षक सेंटा क्लॉज