केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सर्दियां खत्म होने पर तेल के दामों में भी नरमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस सीजन में तेल की कीमतें बढ़ जाती है। कई शहरों में तेल की कीमतों के 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंचने के बाद विपक्ष द्वारा विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम मूल्य में वृद्धि ने उपभोक्ताओं को भी प्रभावित किया है। सर्दियों के जाते ही कीमतें थोड़ी कम हो जाएंगी। यह एक अंतरराष्ट्रीय मामला है। मांग बढ़ने के कारण कीमतें बढ़ी हैं। यह सर्दियों में होता है और आगे कीमतों में कमी आएगी।
शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल, 90.93 प्रति लीटर और डीजल 1 81.31 पर बिक रहा था, जबकि मुंबई में पेट्रोल 97.34 और डीजल 88.44 प्रति लीटर पर बिक रहा है। कोलकाता में पेट्रोल का मूल्य, 94.68 प्रति लीटर और डीजल का 84.20 प्रति लीटर है। बंगलुरु में पेट्रोल 93.98 और डीजल 86.21 में बिक रहा है।
पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये से अधिक हो गयी है। ये राज्य ईंधन पर अधिकतम मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाते हैं। ये स्थिति तब तक रहेगी जब तक तेल पर टैक्स कम नहीं होता या तेल उत्पादक देश अप्रैल से उत्पादन में तेजी से वृद्धि नहीं करते। वॉल स्ट्रीट के तीन बैंक गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टेनली और बैंक ऑफ अमेरिका बीते दो दिनों में, अगले कुछ महीनों में 70 डॉलर प्रति बैरल पर तेल के दाम रहने का पूर्वानुमान लगाया है। उसके बाद भी 75 डॉलर तक कीमतें आने की आशंका जताई है। गोल्डमैन के मुताबिक ओपेक के तेल का उत्पादन बढ़ाने के फैसले से भी कीमतें कम नहीं होने वाली क्योंकि डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं है।