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Monday, August 11, 2025

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने की मुकदमा स्थानांतरण की मांग

कोरोनाकाल के दौरान केंद्र सरकार के कर्मियों के डीए/डीआर का 18 माह का बकाया ‘एरियर’ मिलने की संभावना बन रही है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार इस बाबत जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय ले सकती है। दूसरी तरफ, एरियर जारी कराने के लिए सरकार पर केंद्रीय कर्मियों का दबाव बढ़ता जा रहा है। ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 18 अगस्त को कैबिनेट सेक्रेटरी एवं नेशनल काउंसिल (जेसीएम) के चेयरमैन को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ते/महंगाई राहत का ‘एरियर’ तुरंत जारी किया जाए। इस बाबत सरकार के साथ विस्तृत चर्चा हुई थी। ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद के सचिव एवं सदस्य एरियर जारी करने के तरीके पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

कर्मियों ने दिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला

शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के 08 फरवरी 2021 को दिए गए एक फैसले का हवाला दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों के वेतन या पेंशन को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। हालांकि, स्थिति में सुधार होने पर इसे कर्मचारियों को वापस देना होगा। ये कर्मियों का अधिकार है। इनका भुगतान कानून के मुताबिक होना चाहिए। बतौर शिव गोपाल मिश्रा, केंद्र सरकार को यह बात मालूम है कि सेना, रेलवे, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, कृषि और दूसरे मंत्रालयों के अंतर्गत काम करने वाले कार्मिकों ने कोरोनाकाल में निस्वार्थ भाव से सरकार का साथ दिया है। केंद्र ने साल 2020 की शुरुआत में एक झटके के साथ यह घोषणा कर दी थी कि सरकारी कर्मियों को डीए, डीआर व दूसरे भत्ते नहीं मिलेंगे। उसके बाद भी कर्मियों ने सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर काम किया था।

कोरोनाकाल में रिटायर या मारे गए कर्मियों को हुआ नुकसान

कोरोनाकाल के दौरान सरकारी कर्मियों व पेंशनरों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत न मिलने के कारण कई तरह की आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ी थीं। इस दौरान अनेक सरकारी कर्मचारी रिटायर भी हो गए। कुछ कर्मियों व पेंशनरों की मौत भी हुई। उन्हें डीए व डीआर न मिलने का बड़ा नुकसान हुआ है। ऐसे कर्मचारी जो एक जनवरी 2020 और 30 जून 2021 के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं, उनकी ग्रैच्युटी और दूसरे भुगतान की भरपाई कौन करेगा। उन कर्मियों की तो कोई गलती नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद वे निर्धारित आर्थिक लाभ से वंचित हो गए हैं। जेसीएम के सदस्य सी. श्रीकुमार का कहना है, केंद्र सरकार ने कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए-डीआर पर रोक लगा दी थी। सभी कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी। इन कर्मियों ने पीएम केयर फंड में एक दिन का वेतन जमा कराया था। सरकार ने तब कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर 40000 करोड़ रुपये बचा लिए थे।

डीए ‘एरियर’ का वन टाइम सेटलमेंट करने की सलाह दी

केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने से रुके डीए एरियर के भुगतान को लेकर कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को कई तरह के विकल्प सुझाए थे। इनमें एरियर का एकमुश्त भुगतान भी शामिल था। इतना ही नहीं, स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा व अन्य सदस्यों ने एरियर जारी करने को लेकर सरकार से यह भी कहा था कि अगर वह किसी दूसरे तरीके पर चर्चा करना चाहती है तो कर्मचारी संगठन उसके लिए भी तैयार हैं। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत के एरियर का बकाया देने के लिए भारतीय पेंशनर्स मंच ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी। मंच ने पीएम को लिखी चिट्ठी में इस मामले का शीघ्र निस्तारण करने का आग्रह किया था। उसके बाद भी केंद्र ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया। केंद्र सरकार द्वारा अगर ‘एरियर’ दिया जाता है तो उसका सीधा फायदा मौजूदा 48 लाख कर्मचारियों व 64 लाख पेंशनभोगियों को पहुंचेगा।

कोरोनाकाल के बाद सरकार ने की थी यह घोषणा…

केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के बाद जब डीए देने की घोषणा की थी, तो इस बात का उल्लेख किया था कि एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक ‘डीए’ व ‘डीआर’ की दर 17 फीसदी ही मानी जाएगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था, अब 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उस वक्त उन्होंने एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का अर्थ यह था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई, जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक डीए-डीआर फ्रीज कर दिया गया था। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने जेसीएम की बैठक में एरियर के इस मुद्दे को उठाया था। स्टाफ साइड की तरफ से केंद्र सरकार को बता दिया गया था कि उसे कर्मियों के एरियर का भुगतान करना ही होगा।

इस साल मार्च में हुई थी ‘डीए’ की दर में बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने इस साल कर्मियों को ‘महंगाई भत्ता’ यानी उनके डीए में तीन फीसदी वृद्धि को मंजूरी दी थी। इस बढ़ोतरी का फायदा 48 लाख कर्मचारियों व 64 लाख पेंशनभोगियों को पहुंचा था। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए बढ़ाने की फाइल पर मुहर लगने के बाद डीए 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 फीसदी हो गया था। बढ़े हुए डीए की दरें पहली जनवरी से लागू हुई थीं। केंद्र का कहना था कि डीए की दरें लागू होने के बाद हर वर्ष सरकारी खजाने पर 9540 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। केंद्र सरकार द्वारा जब कभी मौजूदा कर्मियों के डीए में वृद्धि की जाती है, तो उसी वक्त पेंशनधारकों के लिए महंगाई राहत ‘डीआर’ में भी बढ़ोतरी होती है। इस साल जुलाई में डीए की दर बढ़नी थी, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि डीए की दर बढ़ाने और 18 माह का एरियर जारी करने में सरकार द्वारा जानबूझकर देरी की जा रही है। अगर सरकार ने जल्द ही इस बाबत कोई फैसला नहीं लिया तो विभिन्न कर्मचारी संगठन दिल्ली में हल्लाबोल करेंगे

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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