कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं है कि तीसरी लहर की आशंका तेज हो गई। यह जानलेवा वायरस किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। इसलिए सरकार ने सभी से वैक्सीन लगवाने को कहा है। अब गर्भवती महिलाएं भी कोरोना की वैक्सीन लगवा सकती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को गर्भवती महिलाओं के लिए एक नई गाइडलाइंस जारी की है। आइए बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन कितनी सुरक्षित है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइंस में वैक्सीन लगवाने को लेकर गर्भवती महिलाओं की चिंता दूर की गई है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि कोरोना वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वैक्सीन गर्भवती महिलाओं को भी अन्य लोगों की तरह ही कोरोना संक्रमण से बचाव प्रदान करती है।
गाइडलाइंस में गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाने की सलाह दी गई है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि ज्यादातर गर्भवती महिलाएं में शुरुआत में संक्रमण के लक्षण हल्के होंगे, लेकिन फिर तेजी से उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि वे खुद को कोविड-19 से बचाने के लिए सभी सावधानी बरतें, जिसमें कोविड के खिलाफ टीकाकरण भी शामिल है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिला को कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए।
गर्भवती महिलाएं क्यों लगवाएं वैक्सीन?
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण के लक्षण शुरुआती तौर पर मामूली होते हैं, लेकिन कई मामलों में देखा गया कि इसके कारण से उनकी सेहत में अचानक गिरावट आती है और इसका असर उनके गर्भ में पल रहे भ्रूण पर भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हों।
गर्भ में बच्चे को ऐसे प्रभावित करता है वायरस
गाइडलाइंस में आगाह किया गया है कि 95 फीसदी से अधिक मामलों में कोविड पॉजिटिव मांओं के बच्चों का स्वास्थ्य जन्म के समय बेहतर रहा है, लेकिन कुछ मामलों में देखा गया है कि गर्भवस्था में कोविड संक्रमण के कारण प्री-मैच्योर डिलीवरी की स्थिति बनती है। ऐसे बच्चों का वजन 2.5 किलोग्राम से कम हो सकता है और जन्म से पहले ही यानी गर्भ में ही बच्चे की जान भी जा सकती है।
इन गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का अधिक खतरा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जिन गर्भवती महिलाओं की उम्र 35 साल से अधिक है, जिनका वजन भी अधिक है और जिन्हें डायबिटीज या हाई बल्ड प्रेशर की समस्या है, उन्हें कोविड-19 संक्रमण का खतरा अधिक है। गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि अगर महिला गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 की चपेट में आकर उससे उबर चुकी है तो वह थोड़ा इंतजार कर सकती है। लेकिन डिलीवरी के तुरंत बाद उसे वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।