केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन का शुभारंभ किया। इसके जरिए देश की करीब छह लाख करोड़ रुपये की सरकारी संपत्तियों का विनिवेश किया जाएगा।
वित्तमंत्री सीतारमण ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को कामयाब बनाने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम मानते हैं कि इन संपत्तियों के बेहतर संचालन व रखरखाव के लिए निजी क्षेत्र को आगे लाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए हम जमीनी स्तर पर बहुत मजबूती से काम करने के लिए वचनबद्ध हैं। एनएमपी उन ब्राउनफील्ड संपत्तियों के लिए है, जिनमें निवेश पहले से ही किया जा रहा है। यह उन संपत्तियों के लिए है, जहां संपत्ति का पूरी तरह से मुद्रीकरण किया जा चुका है या जिनका कम उपयोग हो रहा है। इन संपत्तियों में हम निजी साझेदारी के जरिए इनका बेहतर मुद्रीकरण करेंगे और इसके जरिए जो भी संसाधन प्राप्त होंगे उनका बुनियादी ढांचे के निर्माण में और बेहतर उपयोग हो सकेगा। यह महत्वपूर्ण है कि भारत यह समझे कि हमारी संपत्ति का अधिकतम लाभ उठाने का समय आ गया है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की शुरुआत के मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को सफलता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हमें लगता है कि बेहतर संचालन और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्र को आगे लाना बहुत महत्वपूर्ण है।
इससे पहले रविवार को नीति आयोग ने बताया कि एनएमपी के जरिये सरकार अगले चार साल के विनिवेश का खाका तैयार करेगी और निवेशकों को भी स्पष्ट संदेश मिलेगा। वित्तमंत्री विनिवेश के लिए पहचान की गई कंपनियों, पावरग्रिड, हाईवे आदि की सूची भी जारी करेंगी।
6 लाख करोड़ रुपये मूल्य आंका है इन संपत्तियों का
निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार ने विनिवेश के लिए करीब 6 लाख करोड़ की संपत्तियों की पहचान कर ली है। एनएमपी योजना का जिक्र वित्तमंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण में ही कर दिया था।