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Saturday, June 28, 2025

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह का वाराणसी दौरा: भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में की समीक्षा, किसानों के लिए बड़े ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खाद्यान्न उत्पादन में हो रही अभूतपूर्व वृद्धि

टमाटर की शेल्फ लाइफ बढ़ाने और निर्यात योग्य फसलों पर जोर, नकली खाद-बीज से किसानों को मिलेगी मुक्ति

वाराणसी, 28 जून 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाराणसी में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) का दौरा कर वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए।

सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को गति देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में खाद्यान्न उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है। चौहान ने वैज्ञानिकों से किसानों के साथ संवाद बढ़ाने, नई तकनीकों को खेतों तक पहुंचाने और नकली खाद, अमानक बीज व कीटनाशकों जैसी समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने को कहा।

टमाटर की शेल्फ लाइफ और निर्यात पर विशेष ध्यान

केंद्रीय मंत्री ने टमाटर की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, सूखा पाउडर तैयार करने और निर्यात को बढ़ावा देने वाली फसलों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने जीनोम एडिटिंग, जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों से तेजी से काम करने की अपील की। साथ ही, ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल किसानों की जरूरतों के अनुरूप शोध को बढ़ावा दे रही है।

किसानों के नवाचार और रबी सत्र की तैयारी

चौहान ने किसानों द्वारा किए जा रहे नवाचारों को अपनाने और उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने आगामी रबी सत्र के लिए क्षेत्रवार कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश देते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सब्जी उत्पादन प्रणाली में लचीलापन लाने की बात कही। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और शोध संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर तकनीक हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया।

कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का संकल्प

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 16 हजार कृषि वैज्ञानिक उन्नत बीज और तकनीकों पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने, उपज के नुकसान की भरपाई और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। विभिन्न विभागों, केवीके और राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल के साथ किसान कल्याण के प्रयासों को और तेज किया जाएगा।

चौहान ने वैज्ञानिकों से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अनुभवों का विश्लेषण कर किसानों की जरूरतों के अनुरूप शोध करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीक के बल पर भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान और मजबूत करेगा।

किसानों का भविष्य संवारने की दिशा में कदम

इस दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कार्यों की सराहना की और वैज्ञानिकों को किसानों के लिए और अधिक प्रभावी समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह दौरा न केवल वाराणसी के किसानों, बल्कि पूरे देश के कृषि समुदाय के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा लेकर आया है।

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