पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश)/नई दिल्ली, 10 जुलाई 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में किसानों और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की दीदियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती और महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।
प्राकृतिक खेती: कम लागत, अधिक मुनाफा
श्री चौहान ने कहा कि वह जहां भी जाते हैं, किसानों के खेतों का दौरा जरूर करते हैं, क्योंकि खेतों को देखे बिना खेती को समझना संभव नहीं है। उन्होंने प्राकृतिक खेती की तारीफ करते हुए कहा, “मैंने यहां प्राकृतिक खेती देखी। इसमें लागत बहुत कम और मुनाफा बहुत ज्यादा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि कम जोत के बावजूद आधुनिक तकनीकों को अपनाकर खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “खेती के बिना न भारत का और न ही आंध्र प्रदेश का काम चल सकता है। हमें अपने किसानों को पीछे नहीं छोड़ना है।”
3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का संकल्प
स्वयं सहायता समूह की दीदियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आप अबला नहीं, सही मायनों में सबला हैं। आपके बनाए उत्पादों को देखकर मुझे बहुत खुशी हुई।” उन्होंने दीदियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि गरीबी और मजबूरी को पीछे छोड़कर सम्मान के साथ जीवन जीना है। उन्होंने मध्य प्रदेश में अपनी मुख्यमंत्री कार्यकाल की लाड़ली बहना योजना का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी योजनाओं से लाखों बहनों को लाभ मिला।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के संकल्प को दोहराया और बताया कि अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक दीदियां लखपति बन चुकी हैं। उन्होंने कहा, “हम हर बहन को स्वयं सहायता समूह से जोड़ेंगे, उन्हें प्रशिक्षण, बैंक लिंकेज, उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग के जरिए लखपति बनाएंगे। अब लक्ष्य लखपति ही नहीं, करोड़पति दीदी बनाने का है।”
महिलाओं को उद्यमी बनाने पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने दीदियों को छोटे-छोटे उद्योग शुरू करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम करेगी। उन्होंने विश्वास जताया, “मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी बहनें छोटे से लेकर बड़े उद्योग तक चलाएंगी। हम देश, आंध्र प्रदेश और जिलों में विकास की नई लकीर खींचेंगे।”
इस संवाद ने किसानों और स्वयं सहायता समूह की दीदियों में नई ऊर्जा का संचार किया, साथ ही प्राकृतिक खेती और महिला सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।