भोपाल, 23 जनवरी 2025, गुरुवार। बॉलिवुड एक्टर सैफ अली खान के लिए एक और बुरी खबर है। सैफ अली खान अभी अभी खुद पर हुए जानलेवा हमले से बाल बाल बचे हैं। इस बीच उनके लिए भोपाल से एक और बुरी खबर आई है। दरअसल, सैफ के पटौदी परिवार की पुश्तैनी संपत्तियां जल्द ही केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ सकती हैं। ये सभी प्रॉपर्टीज मध्यप्रदेश के भोपाल में हैं और इनकी अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इन पर लगे स्थगन आदेश को हटा लिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत इन संपत्तियों के अधिग्रहण का रास्ता खुल गया है।
भोपाल में पटौदी परिवार की ऐतिहासिक संपत्तियां स्थित हैं जिनकी अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये है। ये संपत्ति अभिनेता सैफ अली खान के परिवार से जुड़ी हैं। शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत सरकार जिन संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले सकती है उनमें फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस, कोहेफिजा प्रॉपर्टी और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। आपको बता दें कि फ्लैग स्टाफ हाउस में ही सैफ ने अपना बचपन बिताया था।
दरअसल, शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत भारत सरकार उन लोगों की संपत्तियों पर दावा कर सकती है जो कि 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे। भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान थी जिनकी तीन बेटियां थीं। इनमें से सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान, 1950 में पाकिस्तान चली गईं। वहीं, उनकी दूसरी बेटी साजिदा सुल्ताना भारत में ही रुकीं और यहां नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की। इसके बाद वह कानूनी उत्तराधिकारी बन गईं। साजिदा सुल्ताना के पोते सैफ अली खान हैं जिन्हें विरासत में इन संपत्तियों का एक हिस्सा मिला है। हालांकि, आबिदा सुल्ताना का पाकिस्तान जाना इन संपत्तियों पर शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत सरकार के दावे का केंद्र बिंदू बन गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विवाद की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। जानकारी के अनुसार, शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक ने भोपाल में स्थित पटौदी परिवार की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करने का नोटिस जारी किया था। सैफ अली खान ने 2015 में इस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी और संपत्ति पर स्टे ले लिया। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने बीते 13 दिसंबर 2024 को सैफ अली खान की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया था। हालांकि, सैफ और उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया।