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Friday, April 19, 2024

अनुबंध नीति में बदलाव के तहत रोडवेज की बसें गांव-गांव तक पहुंचेंगी।  

डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए उप्र. राज्य परिवहन निगम इन्हें अनुबंधित करने जा रहा है। निगम ने इसके लिए अपनी अनुबंध नीति में बदलाव किया है। इसके तहत रोडवेज की बसें गांव-गांव तक पहुंचेंगी।

रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में साढे़ तीन हजार से ज्यादा निजी बसें डग्गामारी कर रही हैं जबकि विभाग कुल 15 हजार बसों को अनुबंध पर रखेगा। नई अनुबंध नीति में इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में रोडवेज के बेड़े में 11200 बसों का संचालन हो रहा है। इनमें 2200 अनुबंधित हैं।

प्रबंध निदेशक रोडवेज संजय कुमार के मुताबिक लगभग 300 बसों के अनुबंध के आशय पत्र भी जमा हो गए हैं। मार्च तक का लक्ष्य यह है कि अनुबंधित बसों की संख्या कम से कम पांच हजार कर दी जाए। इसके बाद अगला चरण शुरू किया जाएगा।

लंबी दूरी तय करेंगी

अनुबंधित बसों में स्कैनिया, एसी, स्लीपर सभी शामिल होंगी। साथ ही ये ग्रामीण क्षेत्रों में 70 किमी के बजाय 150 किमी की दूरी तय करेंगी। यानी एक ही बस कई जिलों को कवर कर सकेगी।

आठ साल से पुरानी निजी बसें भी होंगी अनुबंधित

डग्गामार बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने के लिए नई नीति में कई छूट दिए जा रहे हैं। इसके तहत उन डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है जो पंजीयन तारीख से पांच वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हों।

इसके अलावा सीएनजी बस पंजीयन तारीख से आठ वर्ष की आयु पूरी होने तक अनुबंधित की जा सकेगी। मॉडल व पंजीकरण तारीख में एक वर्ष का अंतर भी मान्य होगा। नई बसों को अनुबंध के बाद दो माह समय दिया जाएगा जबकि पुरानी तत्काल चलाई जा सकेगी। अनुबंध अवधि दस वर्ष की है।

बड़े ट्रांस्पोर्टर भी मैदान में

अनुबंध के लिए ऐसे बड़े ट्रांस्पोर्टर भी मैदान में आ रहे हैं, जो 50 बसों तक की क्षमता रखते हैं। बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद आदि में ट्रांसपोर्टर की बैठक कराई गई, जिसका सकारात्मक परिणाम निकला है।

– संजय कुमार, प्रबंध निदेशक रोडवेज

डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने वाले परिचालकों को मिलेगी परिवहन निगम रोडवेज बसों में यूपीआई के जरिए टिकट बनाने वाले परिचालकों को प्रति टिकट एक रुपये प्रोत्साहन राशि देगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि 15 दिनों में बसों में डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने की सुविधा शुरू हो जाएगी।

ज्यादा से ज्यादा टिकट यूपीआई के जरिए बनें, इसलिए परिचालकों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है। हर क्षेत्र में सबसे ज्यादा यूपीआई से टिकट बुक करने वाले टॉप थ्री कंडक्टरों को विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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