N/A
Total Visitor
32.7 C
Delhi
Friday, August 1, 2025

उज्जैन का रहस्यमयी नागचंद्रेश्वर मंदिर: साल में सिर्फ एक दिन खुलता है यह चमत्कारी धाम!

नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025: उज्जैन, भारत की आध्यात्मिक नगरी, जहां हर कोने में इतिहास और आस्था की कहानियां गूंजती हैं। लेकिन इस पवित्र शहर में एक ऐसा मंदिर है, जो अपने अनोखे रहस्य के लिए जाना जाता है। यह है नागचंद्रेश्वर मंदिर, जो साल में केवल एक बार, नाग पंचमी के दिन, अपने पट खोलता है। आइए, इस मंदिर की रहस्यमयी कहानी और इसके महत्व को जानें।

एक अनोखा मंदिर, एक खास दिन

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर अपने आप में एक चमत्कार है। यह मंदिर सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी, यानी नाग पंचमी के दिन, केवल 24 घंटों के लिए खुलता है। इस दौरान हजारों श्रद्धालु यहां भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। लेकिन आखिर क्यों यह मंदिर साल भर बंद रहता है? इसके पीछे की कहानी उतनी ही रोचक है, जितनी पौराणिक।

नागराज तक्षक और भगवान शिव का अटूट रिश्ता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्वयं नागराज तक्षक निवास करते हैं, जो भगवान शिव की कठोर तपस्या में लीन रहते हैं। मान्यता है कि तक्षक नाग ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए घोर तप किया था। उनकी भक्ति से खुश होकर शिवजी ने उन्हें अमरता का वरदान दिया और महाकाल वन (उज्जैन) में उनके साथ रहने की अनुमति दी। तभी से नागराज तक्षक भगवान शिव के साथ इस मंदिर में विराजमान हैं। यही कारण है कि इस पवित्र स्थान को पूरे वर्ष बंद रखा जाता है, ताकि नागराज की तपस्या में कोई व्यवधान न पड़े।

काल सर्प दोष से मुक्ति का आशीर्वाद

नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन भक्त भारी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं, ताकि भगवान शिव और नागराज तक्षक का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। मंदिर में स्थापित मूर्ति भी अपने आप में अनूठी है। कहते हैं कि यह 7वीं शताब्दी में नेपाल से लाई गई थी, जिसमें भगवान शिव सर्प शैया पर विराजमान हैं और उनके साथ माता पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा भी स्थापित है। यह दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलता।

नाग पंचमी: आस्था का अनुपम उत्सव

हर साल नाग पंचमी के दिन, जब मंदिर के कपाट खुलते हैं, उज्जैन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। श्रद्धालु घंटों लाइन में खड़े रहकर इस पवित्र दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। यह दिन न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे प्राचीन परंपराएं और आस्था आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।

क्यों खास है यह मंदिर?

नागचंद्रेश्वर मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक रहस्य का प्रतीक है। भगवान शिव और नागराज तक्षक का यह अनोखा संगम, प्राचीन मूर्तियों का ऐतिहासिक महत्व और काल सर्प दोष से मुक्ति का विश्वास इसे अनूठा बनाता है। यह मंदिर हमें सिखाता है कि आस्था और परंपरा समय की सीमाओं से परे हैं।

तो, अगर आप उज्जैन की यात्रा पर हैं, तो नाग पंचमी के दिन इस मंदिर के दर्शन जरूर करें। हो सकता है, यह अनुभव आपके जीवन को एक नई आध्यात्मिक रोशनी से भर दे!

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »