तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने जब से सनातन धर्म के खिलाफ बयान तब से वह भाजपा समेत तामम हिंदू धर्मगुरुओं के निशाने पर हैं। देश के अलग-अलग इलाकों में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, लोग उनके नाम का पुतला भी फूंक रहे हैं। लेकिन, इतना विवाद बढ़ने के बाद भी उदयनिधि अपनी बात पर अड़े रहेंगे। इस बीच, उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर कहा कि उन्होंने आस्था में कुछ प्रथाओं को उन्मूलन करने की बात कही थी और वह उनके खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ हिंदू आस्था के बारे में नहीं बल्कि उन सभी लोगों के बारे में बात की जो ऐसा करते हैं। उदयनिधि स्टालिन ने ये भी कहा कि उन्होंने सिर्फ जातिगत भेदभाव की निंदा की है। आगे बोले कि ”मैं बार-बार उस मुद्दे पर बात करूंगा जो मैंने शनिवार को कार्यक्रम में बोला था। मैं और भी बोलूंगा। मैंने उस दिन ही कहा था कि मैं उस मुद्दे पर बात करने जा रहा हूं जो कई लोगों को परेशान करने वाला है और वही हुआ है”।
उन्होंने कहा, ”सनातनम (जैसा कि तमिल में कहा जाता है) ने महिलाओं को गुलाम बनाया,” उन्होंने कहा कि वहां एक समय सती प्रथा हुआ करती थी जिसमें विधवाएं अपने पतियों की चिता में कूदकर अपनी जान दे देती थीं। उन्होंने कहा कि ये सभी सनातनम हैं। मैंने इसी को खत्म करने पर जोर दिया है। मैं ऐसा कहना जारी रखूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर उनकी जान को किसी भी तरह की धमकी मिलने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।