मुंबई, 13 सितंबर 2025: यूएई में 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस बहुचर्चित एशिया कप मुकाबले का कड़ा विरोध करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने देशवासियों से इस मैच का बहिष्कार करने की अपील की और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बीच यह मैच गलत संदेश देगा।
‘आतंकवाद और क्रिकेट साथ-साथ नहीं’
ठाकरे ने कहा, “जब देश पहलगाम हमले की पीड़ा से जूझ रहा है, हमारी सेना सीमा पार आतंकियों को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जवाब दे रही है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना क्या संदेश देता है?” उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह वक्त दुनिया को यह दिखाने का है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कितना सख्त है। “पाकिस्तान से न पानी, न कोई संबंध—यही हमारा रुख होना चाहिए,” ठाकरे ने जोर दिया।
‘सरदार पटेल होते तो पाकिस्तान होता ही नहीं’
उद्धव ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर तंज कसते हुए कहा, “ट्रंप कहते हैं कि उन्होंने युद्ध रोका, लेकिन हमारे देश में नीरज चोपड़ा जैसे स्वर्ण पदक विजेता को पाकिस्तानी कोच के साथ काम करने पर ट्रोल किया जाता है। यह कैसी देशभक्ति है?” उन्होंने बालासाहेब ठाकरे का हवाला देते हुए कहा कि वे भारत-पाक क्रिकेट मैचों के सख्त खिलाफ थे। ठाकरे ने जोड़ा, “काश, सुषमा स्वराज आज होतीं। अगर सरदार वल्लभभाई पटेल प्रधानमंत्री होते, तो पाकिस्तान का वजूद ही नहीं होता।”
‘सिंदूर भेजकर जताएंगे विरोध’
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी इस मैच के विरोध में अनोखा कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, “हम सभी महिलाओं से अपील करते हैं कि वे सिंदूर के पैकेट डाक के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजें। अभी भी वक्त है, पीएम इस फैसले को बदल सकते हैं।” ठाकरे ने बीजेपी के ‘घर-घर सिंदूर अभियान’ को असफल करार देते हुए इसे ‘देशभक्ति का धंधा’ करार दिया।
मैच को लेकर बढ़ता विवाद
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान में आमने-सामने होंगे। ठाकरे की इस टिप्पणी ने मैच से पहले सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम उठाएगी या क्रिकेट डिप्लोमेसी को प्राथमिकता देगी।