तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप को करीब पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन यहां मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। तबाही का मंजर यह है कि शहर के शहर बर्बाद हो चुके हैं और सबकुछ खत्म हो चुका है। इसके बावजूद लोगों को आस है कि मलबे के नीचे उनका कोई अपना फंसा होगा और वो जिंदा होगा।
हालांकि, दोनों देशों में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक मृतकों की आंकड़ा 21 हजार के पार हो चुका है और यह संख्या अभी भी बढ़ सकती है। हजारों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत कार्य भी तेज कर दिए गए हैं और लगातार मलबे को हटाया जा रहा है। खंडहर बन गए तीन पुराने शहर दोनों देशों में आए विनाशकारी भूकंप ने तीन प्राचीन शहरों को पूरी तरह से खंडहर में तब्दील कर दिया है। ये शहर हैं- अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो, जो सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित शहरों में से हैं। दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। इसी तरह पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता था। वहीं, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाने वाला अलेप्पो शहर भी इस समय खंडहर बन चुका है। भूकंप से पहले सीरिया का दूसरा यह सबसे बड़ा शहर गृह युद्ध में 2012-2016 के बीच भी क्षतिग्रस्त हो गया था।