N/A
Total Visitor
29.4 C
Delhi
Saturday, August 9, 2025

योगी के यूपी में शिक्षा का कायाकल्प: प्राथमिक से मेडिकल तक, नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

लखनऊ, 9 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा, मेडिकल और व्यावसायिक प्रशिक्षण तक, राज्य सरकार ने योजनाबद्ध सुधारों, तकनीकी नवाचारों और सरकारी-निजी साझेदारी के जरिए शिक्षा ढांचे को नया आयाम दिया है। ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार जैसी पहलों ने सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया है, जबकि उच्च शिक्षा में नए संस्थानों के साथ-साथ पुराने संस्थानों को भी सशक्त बनाया जा रहा है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को NAAC A++ ग्रेड मिलना इस दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मेडिकल, नॉलेज सिटी, हाइटेक एजुकेशन और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग जैसी योजनाओं के जरिए प्रदेश का हर छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगारोन्मुख अवसर प्राप्त कर रहा है।

उच्च शिक्षा में नए कीर्तिमान

केजीएमयू ने NAAC मूल्यांकन में A++ ग्रेड हासिल कर CGPA 3.67 अंक प्राप्त किए हैं। 31 जुलाई से 2 अगस्त तक चले निरीक्षण में NAAC टीम ने संस्थान के विभिन्न मानदंडों पर उच्च स्कोर दिया। मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता, तकनीकी उन्नयन और बेहतर संसाधनों का असर इस उपलब्धि में साफ झलकता है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक 25% कॉलेज NAAC मूल्यांकन प्राप्त कर लें, जिसके लिए 1,000 कॉलेज पहले ही चयनित हो चुके हैं। निजी क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए उन्नाव में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के रूप में पहली एआई आगुमेंटेड यूनिवर्सिटी की शुरुआत हुई है। इसके अलावा, योगी कैबिनेट ने हाल ही में “भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना” को मंजूरी दी है, जो मेधावी छात्रों को यूनाइटेड किंगडम में उच्च शिक्षा का अवसर देगी।

मेडिकल और हाइटेक शिक्षा में विस्तार

पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य ढांचे में अभूतपूर्व प्रगति की है। वर्तमान में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, और गोरखपुर में नए आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। हाइटेक शिक्षा के लिए कानपुर, गोरखपुर समेत कई जिलों में नॉलेज सिटी विकसित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य वैश्विक मानकों पर शोध और शिक्षा को बढ़ावा देना है।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत प्रदेश के 75 जनपदों में 166 कोचिंग केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो यूपीएससी, पीसीएस, जेईई, नीट जैसी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान कर रहे हैं। इस योजना ने ग्रामीण और गरीब तबके के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

व्यावसायिक शिक्षा पर जोर

युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए 2 करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 50 लाख युवा अब तक लाभान्वित हो चुके हैं। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से 150 राजकीय आईटीआई को न्यू-एज टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है, और 120 पॉलीटेक्निक को अपग्रेड करने की योजना है। प्रदेश में 400 राजकीय और 3,000 निजी आईटीआई न्यूनतम शुल्क पर प्रशिक्षण दे रहे हैं, साथ ही निजी आईटीआई के छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान की जा रही है।

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में सुधार

ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सरकारी स्कूलों की मूलभूत सुविधाएं 36% से बढ़कर 96% हो गई हैं। 1.32 लाख स्कूलों में लाइब्रेरी स्थापित की गई हैं, और 15.37 करोड़ मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित हुई हैं। प्रोजेक्ट अलंकार ने 2,441 माध्यमिक स्कूलों को स्मार्ट क्लास, लैब और पुस्तकालयों से सुसज्जित किया, जिससे नामांकन में 23% की वृद्धि हुई। अटल आवासीय विद्यालय और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के माध्यम से श्रमिकों और बेटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। कई सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी आधारित सिलेबस और अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू की गई है, जिससे शिक्षा का स्तर और ऊंचा हुआ है।

यह समग्र प्रयास उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मुकाम दिला रहा है, जिससे प्रदेश के युवा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहे हैं।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »