वाराणसी, 30 मार्च 2025, रविवार। वाराणसी के दशाश्वमेध पुलिस चौकी के ठीक पीछे अगस्त्य कुंडा मोहल्ले के एक मकान में रविवार की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। मोहल्ले की 17 साल की किशोरी राजनंदिनी यादव ने अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने न सिर्फ परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे इलाके में सन्नाटा पसर गया।
मंदिर से लौटने के बाद उठाया खौफनाक कदम
पुलिस के मुताबिक, राजनंदिनी रविवार शाम को मंदिर में दर्शन करने गई थी। वहां से लौटने के बाद वह सीधे अपने घर पहुंची। परिवार वालों ने बताया कि घर आने के बाद उसने किसी से कोई बात नहीं की और चुपचाप अपने कमरे में चली गई। किसी को अंदाजा नहीं था कि उसकी खामोशी के पीछे इतना बड़ा तूफान छिपा था। कुछ ही देर बाद उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
छोटे भाई ने देखा मंजर, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
राजनंदिनी के पिता बच्चा यादव दूध का कारोबार करते हैं। उनके परिवार में दो बेटियां—राजनंदिनी (17) और उजाला (12)—और एक 5 साल का बेटा शिव है। रविवार शाम को दूसरी मंजिल पर बने कमरे में छोटा भाई शिव अपनी बहन के पास गया। वहां का मंजर देखकर उसके होश उड़ गए। राजनंदिनी पंखे से रस्सी के सहारे लटकी हुई थी। घबराए शिव ने जोर से अपने पिता को आवाज दी। बच्चा यादव और परिवार के बाकी लोग दौड़कर कमरे में पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बेटी को इस हाल में देखकर माता-पिता और भाई-बहन रोते-चिल्लाते हुए रह गए।
पुलिस और फोरेंसिक टीम ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही दशाश्वमेध थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार और चौकी प्रभारी अनुजमणि तिवारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पंखे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फोरेंसिक टीम ने भी जांच शुरू की और मौके से सबूत जुटाए। पुलिस इस मामले की गहराई से तफ्तीश कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या के सही कारणों का पता चल सकेगा।
तनाव में थी राजनंदिनी, पहले भी भागने की कर चुकी थी कोशिश
परिवार वालों ने बताया कि राजनंदिनी ने विपिन बिहारी स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की थी, लेकिन इसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। वह अपने भविष्य को लेकर अक्सर तनाव में रहती थी। परिजनों ने यह भी खुलासा किया कि एक बार वह घर से भागने की कोशिश कर चुकी थी। हालांकि, उसकी परेशानियों का सही कारण क्या था, यह अभी रहस्य बना हुआ है।
इलाके में छाया मातम
इस घटना के बाद अगस्त्य कुंडा मोहल्ले में मातम पसर गया है। लोग इस बात से हैरान हैं कि आखिर एक 17 साल की मासूम सी लड़की ने ऐसा कदम क्यों उठाया। पुलिस और परिवार, दोनों ही इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है।
यह घटना समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है—क्या हम अपने बच्चों की मानसिक स्थिति को समझ पाने में नाकाम हो रहे हैं? क्या उनके तनाव को वक्त रहते पहचानना जरूरी नहीं है? राजनंदिनी की कहानी अब खत्म हो चुकी है, लेकिन उसके पीछे छूटे सवाल लंबे वक्त तक गूंजते रहेंगे।