लेह, 1 अगस्त 2025: लद्दाख के गलवान क्षेत्र में बुधवार सुबह एक दुखद हादसे में भारतीय सेना के दो जवान, लेफ्टिनेंट कर्नल भानुप्रताप सिंह मनकोटिया और लांस दफादार दलजीत सिंह, शहीद हो गए। इस हादसे में तीन अन्य सैन्य अधिकारी घायल हो गए। सेना के एक काफिले पर पहाड़ से एक विशाल पत्थर गिरने के कारण यह हादसा हुआ।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे गलवान के चारबाग क्षेत्र में, दुरबुक से चोंगताश की ओर जा रहे सैन्य काफिले के साथ हुई। काफिला प्रशिक्षण अभियान पर था, जब अचानक एक चट्टान से बड़ा पत्थर टूटकर काफिले की एक स्कॉर्पियो गाड़ी पर जा गिरा। इस भीषण हादसे में गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, और लेफ्टिनेंट कर्नल भानुप्रताप सिंह (पठानकोट, पंजाब) और लांस दफादार दलजीत सिंह (गुरदासपुर, पंजाब) ने मौके पर ही वीरगति प्राप्त कर ली।
इस हादसे में घायल हुए तीन अन्य अधिकारियों की पहचान मेजर मयंक शुभम (14 सिंध हॉर्स), मेजर अमित दीक्षित, और कैप्टन गौरव (60 आर्मर्ड) के रूप में हुई है। घायलों को तत्काल लेह के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। सेना ने तुरंत बचाव और रिकवरी अभियान शुरू किया, और वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
लद्दाख का गलवान क्षेत्र अपने दुर्गम इलाके और भूस्खलन की लगातार घटनाओं के लिए जाना जाता है, जो सैन्य गतिविधियों के लिए चुनौतीपूर्ण है। इस हादसे ने एक बार फिर इस क्षेत्र में सेवा देने वाले सैनिकों के सामने आने वाले प्राकृतिक खतरों को उजागर किया है।
सेना के लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “जनरल ऑफिसर कमांडिंग, फायर एंड फ्यूरी कोर और सभी रैंक लेफ्टिनेंट कर्नल भानुप्रताप सिंह मनकोटिया और लांस दफादार दलजीत सिंह को नमन करते हैं, जिन्होंने 30 जुलाई 2025 को लद्दाख में कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान दिया। हम इस दुख की घड़ी में शहीदों के परिवारों के साथ हैं।”
नॉर्दर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने एक्स पर लिखा, “दरबुक-चोंगताश क्षेत्र में हुए दुखद हादसे में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल भानुप्रताप सिंह और नायक दलजीत सिंह के निधन से गहरा दुख हुआ। उनके परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। उनकी वीरता हमेशा याद रहेगी।”
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। गुरुवार को दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर उनके गृहनगर पठानकोट और गुरदासपुर के शमशेरपुर गांव लाए गए, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग एकत्र हुए।
दलजीत सिंह के पिता ने बताया कि मंगलवार को ही दलजीत ने अपनी मां से फोन पर बात की थी और घर बनवाने के लिए मिस्त्री ढूंढने को कहा था। “उसने कहा था कि वह दोबारा फोन करेगा,” पिता ने गमगीन होकर कहा।
यह हादसा भारतीय सेना के उन अनगिनत बलिदानों की याद दिलाता है, जो युद्ध के मैदान के बाहर भी अपने कर्तव्य पथ पर प्राण न्योछावर कर देते हैं। शहीदों के परिवारों के साथ पूरा देश इस दुख की घड़ी में खड़ा है।